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VIDEO: झारखंड में अमित शाह ने राहुल गांधी पर किया प्रहार, बोले- 2024 के पहले देश से एक-एक घुसपैठियों को चुन-चुन कर निकालेंगे

अमित शाह ने जनसभा में उपस्थित लोगों से पूछा कि आप बताइए कि झारखंड से सभी घुसपैठियों को बाहर निकालना चाहिए की नहीं? क्या किसी भी घुसपैठियों को झारखंड में रहने का अधिकार है?

Updated on: 02 Dec 2019, 06:11 PM

जमशेदपुर:

झारखंड में दूसरे चरण के मतदान को लेकर सभी पार्टियां चुनावी रैलियां कर रही हैं. इस चुनाव में बीजेपी ने भी अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. बीजेपी के लिए यह चुनाव काफी मायने रखता है. बीजेपी अपनी साख बचाने के लिए पुरजोर कोशिश कर रही है. महाराष्ट्र घटना के बाद बीजेपी हर हाल में यह चुनाव जीतना चाहती है. इसी बीच गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को झारखंड के जमशेदपुर में एक जनसभा को संबोधिता किया. इस दौरान उन्होंने एनआरसी को लेकर राहुल गांधी पर निशाना साधा.

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उन्होंने जनसभा में उपस्थित लोगों से पूछा कि आप बताइए कि झारखंड से सभी घुसपैठियों को बाहर निकालना चाहिए की नहीं? क्या किसी भी घुसपैठियों को झारखंड में रहने का अधिकार है? अमित शाह ने कहा कि ये राहुल बाबा कहते हैं कि एनआरसी क्यों ला रहे हो? घुसपैठियों को कियों निकाल रहे हो? कहां जाएंगे ये लोग? क्या खाएंगे? मैं पूछना चाहता हूं राहुल बाबा से क्यूं भाई ये आपके चचेरे भाई लगते हैं क्या? उन्होंने दावा करते हुए कहा कि 2024 के पहले देश से एक-एक घुसपैठियों को चुन-चुन कर निकालने का काम बीजेपी सरकार करने वाली है.

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वहीं इससे पहले NRC को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मोदी सरकार को चुनौती दी थी. एक तरफ जहां केंद्र सरकार देश भर में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) की कवायद शुरू करने की बात कर रहा है, वहीं ममता बनर्जी ने केंद्र को चुनौती देते हुए सूबे की सभी शरणार्थी कॉलोनियों को नियमित करने का फैसला किया है. जाहिर है राज्य में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर ममता बनर्जी बांग्लादेशी मुसलमानों को टीएमसी की तरफ करने के लिए ही इस कवायद को अंजाम देने जा रही हैं.

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नबाना में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने अपनी मुस्लिम तुष्टीकरण की नीति के चलते शरणार्थियों के अधिकारों तक की बात कर दी थी. उन्होंने कहा कि सरकार ने निर्णय किया कि प्रदेश की सभी रिफ्यूजी सैटलमेंट की जमीन का नियमतिकरण कर दिया जाए. यह काम लंबे समय से नहीं हुआ. इसके पहले मार्च 1971 में रिफ्यूजी सैटलमेंट्स की जमीन का नियमतिकरण किया गया था. उसके बाद से वे बगैर घर और जमीन के हैं. मेरी सरकार का मानना है कि शरणार्थियों के भी अधिकार होते हैं.