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अखिलेश ने करहल से भरा नामांकन, पहली बार लड़ रहे विधानसभा चुनाव

अखिलेश सैफई से करहल कलक्ट्रेट पहुंचे थे. यहां उन्होंने चार सेटों में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया.

Updated on: 31 Jan 2022, 01:49 PM

highlights

  • अखिलेश ने चार सेटों में दाखिल किया नामांकन
  • यादव परिवार की परंपरागत सीट है करहल

मैनपुरी:

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के जरिये विधानसभा के लिए पहली बार अपना भाग्य अजमाने जा रहे सपा मुखिया अखिलेश यादव ने सोमवार को मैनपुरी के करहल में अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया. यह समाजवादी पार्टी की परंपरागत सीट मानी जाती है और सैफई के बेहद नजदीक है. करहल के मौजुदा विधायक सोबरन सिंह और तेजप्रताप यादव प्रस्तावक के तौर पर मौजूद रहे. कय़ास लगाए जा रहे हैं कि भारतीय जनटा पार्टी करहल से यादव परिवार की बहू अपर्णा यादव को उतार एक तीर से कई निशाने साध सकती है.

अखिलेश यादव ने नामांकन दाखिल करने से पहले ट्वीटर पर लिखा कि 'यह नामांकन एक मिशन है क्योंकि यूपी का ये चुनाव प्रदेश और देश की अगली सदी का इतिहास लिखेगा! आइए प्रोग्रेसिव सोच के साथ सकारात्मक राजनीति के इस आंदोलन में हिस्सा लें. नकारात्मक राजनीति को हराएं भी, हटाएं भी. जय हिंद.' गौरतलब है कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं. उन्होंने करहल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा की थी. जिले में तीसरे चरण में चुनाव प्रस्तावित है. 20 फरवरी को मतदाना होना है. 

अखिलेश सैफई से करहल कलक्ट्रेट पहुंचे थे. यहां उन्होंने चार सेटों में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया. नामांकन के दौरान उनके साथ पूर्व सांसद तेजप्रताप यादव और सपा जिलाध्यक्ष देवेंद्र सिंह यादव मौजूद रहे. नामांकन को देखते हुए अखिलेश यादव रविवार शाम को ही सैफई पहुंच गए थे. अखिलेश यादव के नामांकन को लेकर सपा कार्यकतार्ओं में उत्साह है. इसके मद्देनजर सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए गए थे.

गौरतलब है कि नामांकन में अब केवल दो दिन का ही समय शेष है. इसके बाद भी भाजपा ने अब तक यहां अपना प्रत्याशी नहीं उतारा है. सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव करहल से ही चुनाव लड़ रहे हैं. ऐसे में भाजपा यहां कोई मजबूत प्रत्याशी लाने का प्रयास कर रही है, जबकि बसपा ने मैनपुरी की जिस करहल सीट से अखिलेश यादव चुनाव लड़ रहे हैं वहां से कुलदीप नारायन को टिकट दिया है. ज्ञात हो कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव तीन बार सांसद रहने के साथ विधान परिषद के सदस्य भी रहे हैं. समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के पुत्र अखिलेश ने 2012 के उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में अपनी पार्टी का नेतृत्व किया. उनकी पार्टी को राज्य में स्पष्ट बहुमत मिलने के बाद 15 मार्च 2012 को उन्होंने यूपी के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.