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BJP का आरोप- अहमदाबाद ब्लास्ट के आतंकी के अब्बाजान, 'बबुआ' के निकले करीबी 

अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट 2008 मामले में स्पेशल अदालत ने 38 दोषियों को मौत और 11 को उम्रकैद की सजा सुना दी है. इस मामले में फैसले आने के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने समाजवादी पार्टी (SP) पर निशाना साधा है.

Updated on: 20 Feb 2022, 09:58 PM

नई दिल्ली:

अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट 2008 मामले में स्पेशल अदालत ने 38 दोषियों को मौत और 11 को उम्रकैद की सजा सुना दी है. इस मामले में फैसले आने के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने समाजवादी पार्टी (SP) पर निशाना साधा है. उत्तर प्रदेश भाजपा ने रविवार को अखिलेश यादव की एक तस्वीर शेयर की है. बीजेपी ने ट्वीट में लिखा है कि इन तस्वीरों से तुष्टिकरण में अंधे 'बबुआ' का चेहरा बेनकाब हो गया है... अहमदाबाद ब्लास्ट में जिस आतंकी सैफ को सजा सुनाई गई है, उसी आतंकी के अब्बाजान, 'बबुआ' के करीबी निकले. आखिर क्या हैं सपा के मंसूबे? इसके साथ ही हैशटैग राष्ट्रविराधी_संग_अखिलेश भी लिखा गया है.
   
आपको बता दें कि इससे पहले केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने आरोप लगाया है कि समाजवादी पार्टी का अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट 2008 केस से सीधा कनेक्शन है. उस मामले के एक दोषी का पिता सपा नेता है और खुद अखिलेश यादव भी उस नेता से मुलाकात कर चुके हैं. यही नहीं, उन्होंने सपा नेता शादाब अहमद के साथ अखिलेश यादव की मुलाकात की तस्वीरें भी मीडिया में जारी की और पूछा कि क्या अखिलेश यादव ने उन्हें बिरयानी खिलाने के लिए बुलाया था? अनुराग ठाकुर ने कहा कि जिस सपा नेता शादाब अहमद की अखिलेश यादव के साथ तस्वीरें हैं, वो अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट 2008 केस में सजा पाए आतंकी मोहम्मद सैफ का पिता है.

गौरतलब है कि विशेष कोर्ट ने अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट में 38 दोषियों को मौत और 11 को उम्रकैद की सजाई है. न्यायाधीश अंबालाल आर पटेल ने मृतकों के परिवारों के लिए एक लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों के लिए 50,000 रुपये और मामूली रूप से घायल लोगों के लिए 25,000 रुपये के मुआवजे की घोषणा की है. इसके अलावा, अदालत ने दोषियों पर 2.85 लाख रुपये का जुर्माना लगाया और गुजरात सरकार को दोषियों से एकत्र की गई राशि से मुआवजा देने का निर्देश दिया.

सजायाफ्ता में से एक, वडोदरा के मोहम्मद उस्मान अगरबत्तीवाला, (जिसे शस्त्र अधिनियम के तहत भी दोषी पाया गया था) एक साल की कैद की सजा सुनाई गई थी. उसे 2.88 लाख रुपये चुकाने हैं. भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या) और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की धारा 10 और 16 (1) (ए) (बी) के तहत सजा दी गई थी. तीनों अपराधों में से प्रत्येक के लिए 38 में से प्रत्येक पर 25,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था.

इन प्रावधानों के अलावा, सभी 49 दोषियों को कानून के चार प्रावधानों - यूएपीए धारा 20, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 3 और आईपीसी की धारा 124 ए (देशद्रोह), 121 ए (राज्य के खिलाफ युद्ध छेड़ने) के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।

अदालत ने आठ फरवरी को इस घटना के सिलसिले में कुल 77 आरोपियों में से 49 लोगों को दोषी ठहराया था. अन्य 28 को बरी कर दिया गया और एक आरोपी अयाज सैयद, (जो 2019 में मामले में सरकारी गवाह बन गया था) को सभी आरोपों से बरी कर दिया गया. बरी किए गए 28 में से 11 जेल से बाहर हैं, जबकि अन्य आपराधिक मामलों में उनकी आवश्यकता के कारण 17 अन्य न्यायिक हिरासत में हैं. 26 जुलाई, 2008 को शहर के विभिन्न हिस्सों में 20 बम विस्फोट हुए, जिसमें 56 लोग मारे गए और 246 अन्य घायल हो गए थे.