बसपा के बाद जोगी को मिला सीपीआई का साथ, बदले में दी लखमा-दंतेवाड़ा की सीट
बहुजन समाज पार्टी के बाद अजीत जोगी की जनता कांग्रेस ने कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीआई) के साथ गठबंधन करने की घोषणा की है. रविवार को बसपा और सीपीआई के साथ आयोजित संयुक्त प्रेसवार्ता में जनता कांग्रेस के सुप्रीमो अजीत जोगी ने कहा कि जोगी ने कहा कि सीपीआई के शामिल होने से गठबंधन को मजबूती मिलेगी. बस्तर, सरगुजा भिलाई समेत कई इलाकों में इस गठबंधन से फायदा मिलेगा.
रायपुर:
बहुजन समाज पार्टी के बाद अजीत जोगी की जनता कांग्रेस ने कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीआई) के साथ गठबंधन करने की घोषणा की है. रविवार को बसपा और सीपीआई के साथ आयोजित संयुक्त प्रेसवार्ता में जनता कांग्रेस के सुप्रीमो अजीत जोगी ने कहा कि जोगी ने कहा कि सीपीआई के शामिल होने से गठबंधन को मजबूती मिलेगी. बस्तर, सरगुजा भिलाई समेत कई इलाकों में इस गठबंधन से फायदा मिलेगा.
जोगी ने यह भी कहाकि छत्तीसगढ़ में बसपा और जनता कांग्रेस गठबंधन की लगातार बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए सीपीआई भी हमारे साथ शामिल होने का निर्णय लिया है.पूरे बस्तर की 12 सीटों पर सीपीआई का खासा प्रभाव है. सीपीआई के प्रभाव का फायदा गठबंधन को मिलेगा और हम अधिक से अधिक सीटें जीतेंगे. लखमा और दंतेवाड़ा सीट सीपीआई को दी गई है जो कि पहले बहुजन समाज पार्टी के खाते में थी.
यह भी पढ़ें: राष्ट्रीय स्तर पर महागठबंधन संभव नहीं : माकपा
बसपा की दो सीटें सीपीआई को मिली
अजीत जोगी चतुर राजनीतिज्ञ माने जाते हैं 2 सीट देने से उन्होंने पूरे बस्तर में अपनी स्थिति और पकड़ और मजबूत कर ली है पहले जनता कांग्रेस 55 सीट पर और बहुजन समाज पार्टी 35 सीटों पर चुनाव लड़ रही थी अब यह बसपा की दो सीटें सीपीआई को दी गई है. बहुजन समाज पार्टी, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) और कम्मुनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया द्वारा जारी संयुक्त बयां में कहा गया है कि कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया के शामिल होने से, माननीय बहन मायावती जी के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में बने बसपा-जेसीसीजे-सीपीआई महागठबंधन की ताकत दुगुनी हो गयी है.
मुख्यमंत्री प्रत्याशी होंगे अजीत जोगी
गठबंधन द्वारा जारी बयां के अनुसार जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजीत जोगी बसपा-जेसीसीजे-सीपीआई महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री प्रत्याशी होंगे. डॉ रमन सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार की निति और नियत दोनों जनविरोधी है.जो मुख्यमंत्री पिछले 15 वर्षों में छत्तीसगढ़ में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने मजबूर, राज्य के 50 प्रतिशत लोगों को गरीबी के दलदल से बाहर नहीं निकाल पाया, उसे मुख्यमंत्री बने रहने का कोई अधिकार नहीं है.
दंतेवाड़ा और कोंटा विधानसभा सीटों पर सीपीआई की पकड़ मजबूत
बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा और कोंटा विधानसभा सीटों पर सीपीआई के प्रत्याशी महागठबंधन के संयुक्त प्रत्याशी होंगे. दंतेवाड़ा और कोंटा सीटों पर सीपीआई की शुरू से ही बहुत मजबूत पकड़ रही है. अविभाजित मध्यप्रदेश के समय 1990 और 1993 के चुनावों में इन दोनों सीटों पर सीपीआई ने जीत दर्ज की थी. इसके बाद 1998 के विधानसभा चुनावों में इन दोनों सीटों पर सीपीआई के प्रत्याक्षी द्वितीय स्थान पर रहे. पृथक छत्तीसगढ़ का निर्माण होने के बाद 2003 में हुए पहले विधानसभा चुनावों में भी इन दोनों सीटों पर सीपीआई द्वितीय स्थान पर रही. 2008 के विधानसभा चुनावों में दंतेवाड़ा में सीपीआई के प्रत्याक्षी द्वितीय स्थान पर रहे जबकि कांग्रेस तृतीय स्थान पर थी. वहीं 2008 में कोंटा में बहुत ही नजदीकी मुकाबले में सीपीआई के प्रत्याशी मात्र 879 वोटों से कांग्रेस उम्मीदवार से हारे. 2013 के चुनावों में दोनों सीटों पर सीपीआई के प्रत्याक्षी तृतीय स्थान पर रहे.
एसईसीएल, BALCO, भिलाई स्टील प्लांट, एनएमडीसी, एनटीपीसी, रेल्वे समेत अन्य उद्योगों में सीपीआई समर्थित श्रमिक संगठनों की सदस्यता पूरे छत्तीसगढ़ में सबसे अधिक है. छत्तीसगढ़ के श्रमिक आंदोलन में सीपीआई, दोनों भाजपा और कांग्रेस समर्थित श्रमिक संगठनों से बहुत आगे है. बसपा-जेसीसीजे-सीपीआई महागठबंधन को इस श्रमिक आंदोलन का साथ मिलने से मज़बूती मिलेगी.
20 से 24 अक्टूबर तक जोगी का बस्तर दौरा
महागठबंधन के मुख्यमंत्री प्रत्याशी अजीत जोगी अगले हफ्ते 20 से 24 अक्टूबर तक बसपा-जेसीसीजे-सीपीआई महागठबंध के प्रत्याशियों के पक्ष में अपने बस्तर दौरे के लिए कूच करेंगे एवं 23 अक्टूबर को कोंटा और दंतेवाड़ा में सीपीआई के उम्मीदवारों के पक्ष में भी सभाओं को संबोधित करेंगे.
सीपीआई एवं सीपीआई तथा सीपीआई समर्थित मज़दूर यून्यन द्वारा बस्तर की अन्य सीटें विशेषकर चित्रकोट और बीजापुर तथा औद्योगिक क्षेत्र जैसे कोरबा और भिलाई नगर में महागठबंधन के पक्ष में प्रचार किया जाएगा. इन क्षेत्रों में चुनावों में सीपीआई द्वारा उम्मीदवार नहीं उतारा जाएगा.
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