कांग्रेस उम्मीदवार दिग्विजय सिंह और बीजेपी प्रत्याशी प्रज्ञा ठाकुर
नई दिल्ली:
भोपाल सीट पर बीजेपी उम्मीदवार के नाम के ऐलान के साथ ही ठंडी दिख रही मध्य प्रदेश की सियासी हवा अब दिलचस्प हो चली है. हिंदू आतंकवाद शब्द के जरिए देश की सियासत में खलबली मचा देने वाले दिग्विजय सिंह के नाम के ऐलान के बाद से ही बीजेपी के लिए बाज़ी पलटी हुई नजर आ रही थी. कांग्रेस ने दिग्विजय सिंह को मैदान में उतारकर ऐसा पासा फेंका था कि बीजेपी चारों खाने चित हो गई थी.
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मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और केंद्रीय मंत्री उमा भारती के इस सीट से चुनाव लड़ने से मना करने के बाद बीजेपी के लिए उम्मीदवार तय कर पाना मुश्किल होता जा रहा था. ऐसे में संघ को बीच में आना पड़ा और संघ ने कट्टर हिंदूवादी छवि वाली नेता साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर का नाम सुझाया गया. गहन मंथन के बाद बीजेपी ने साध्वी प्रज्ञा के नाम का ऐलान कर दिया.भोपाल सीट पर लड़ाई विकास के बजाय हिंदुत्व की होगी. लेकिन क्या ये महज ध्रुवीकरण है या कोई औऱ समीकरण. पहले नजर डालते हैं भोपाल सीट के समीकरण पर...
भोपाल सीट का समीकरण
भोपाल के समीकरण साफ बता रहे हैं कि पहले उमा का नाम और फिर साध्वी के नाम के मायने क्या है. एक तरफ अल्पसंख्यक वोटरों की अच्छी खासी तादाद औऱ दूसरी तरफ दिग्विजय को हिंदू विरोधी बताने की रणनीति. दरअसल अतीत में दिग्विजय आरएसएस और हिंदुओं को लेकर कई विवादित बयान दे चुके हैं. पहले एक नजर दिग्विजय के विवादित बोलों पर
किन बयानों को लेकर निशाने पर रहे हैं दिग्विजय?
ऐसा नहीं कि दिग्विजय अपनी छवि से वाकिफ नहीं. यही वजह है कि उन्होंने लगातार अपनी छवि बदलने की कोशिश की. जिससे सवाल उठने लगे कि क्या दिग्विजय अब सॉफ्ट हिंदूत्व की राह पर हैं.
बदले-बदले से दिग्विजय सिंह
अपने गढ़ के बचाने के लिए क्या बीजेपी ने हिंदुत्व कार्ड खेला है. ये सवाल प्रज्ञा ठाकुर का नाम सामने आते ही उठने लगे. .आखिर कौन है साध्वी प्रज्ञा ठाकुर जिनपर आखिरी वक्त में मुहर लगी है
कौन हैं प्रज्ञा ठाकुर