नई दिल्ली, 27 मई (आईएएनएस)। रोज खाई जाने वाली गेहूं की रोटी जितनी फायदेमंद और सुपाच्य होती है, गेहूं के जवार भी उतने ही फायदेमंद होते हैं। इसमें एक-दो नहीं, बल्कि अनेकों पोषक तत्व और रोग निवारक गुण पाए जाते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसे आहार नहीं, वरन् अमृत का दर्जा देते हैं और कई समस्याओं की काट भी बताते हैं।
गेहूं के जवारे को व्हीटग्रास भी कहा जाता है, जो गेहूं के पौधे के अंकुरित पौधे होते हैं। यह पौष्टिक और सुपाच्य आहार है, जिसके सेवन से कई स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं।
आयुर्वेदाचार्य बताते हैं कि इसमें इतने पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो इसे पृथ्वी की संजीवनी बनाते हैं, जो व्यक्ति को नया जीवन दे सकते हैं। इसके उपयोग से आंतों की सूजन, रक्त की कमी, अल्सर, उच्च रक्तचाप, दांत संबंधी समस्याएं, सर्दी, चर्म रोग, अस्थमा, पाचन संबंधी रोग और किडनी से जुड़ी कई समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है।
आयुर्वेदाचार्य प्रमोद तिवारी के मुताबिक, “जवारों में सबसे प्रमुख तत्व क्लोरोफिल पाया जाता है। जिन लोगों को एलर्जी की समस्या है या सर्दी-जुकाम से पीड़ित रहते हैं, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और साइनस की समस्या है, उनके लिए यह लाभकारी होता है। यही नहीं, गेहूं के जवार रक्त और रक्त संचार संबंधी रोगों, रक्त की कमी, उच्च रक्तचाप की समस्याओं को भी खत्म करने में मदद करते हैं। पाचन संबंधी रोग, पेट और मुंह में छाले, आंतों की सूजन में भी असरकारी है। गेहूं के जवारे में क्लोरोफिल के अलावा अमीनो एसिड्स, वसा, विटामिन, शर्करा, एंजाइम और खनिज होते हैं।
आयुर्वेदिक ग्रंथों में भी इसकी खूबियों का जिक्र है। बताया गया है कि दांत संबंधी समस्याओं को खत्म करने में भी ये अहम भूमिका निभाते हैं। यह दांत के हिलने, मसूड़ों से खून आने को भी नियंत्रित करते हैं। त्वचा और किडनी संबंधी दिक्कतों को दूर करने में मददगार साबित होते हैं। थायराइड से जुड़ी परेशानियों को काबू करने में गेहूं के ज्वारे अनमोल हैं। वहीं, हिमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए भी यह अचूक दवा है। गेहूं के ज्वारे में रोग निरोधक और रोग निवारक शक्ति पाई जाती है। ये औषधि ही नहीं, वरन श्रेष्ठ आहार भी हैं।
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