क्या SSC परीक्षा में फैली अव्यवस्था एक साज़िश थी? ये शिकायतें सामने आईं, जानें पूरा मामला

देशभर में SSC की परीक्षाओं में हुई गड़बड़ियों को लेकर गंभीर आरोप सामने आए हैं. हालांकि कंपनी का कहना है कि यह आरोप पूरी तरह से भ्रामक और दुर्भावनापूर्ण हैं

देशभर में SSC की परीक्षाओं में हुई गड़बड़ियों को लेकर गंभीर आरोप सामने आए हैं. हालांकि कंपनी का कहना है कि यह आरोप पूरी तरह से भ्रामक और दुर्भावनापूर्ण हैं

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Mohit Saxena
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ssc exam Photograph: (social media)

SSC (कर्मचारी चयन आयोग) की परीक्षाओं में हालिया अव्यवस्थाओं को लेकर गंभीर आरोप लगे हैं.SSC की परीक्षा 24 जुलाई से शुरू हुई थी. ये 1 अगस्त तक चलनी थी. मगर इस दौरान बड़ी  संख्या में इन परीक्षाओं को को लेकर शिकायतें सामने आईं. इनमें परीक्षा के अचानक रद्द होना, सर्वर क्रैश होना, सिस्टम का काम न होना जैसी शिकायतें शामिल हैं. कुछ छात्र कह रहे हैं कि उनके एग्जाम सेंटर पर ना पानी की सुविधा थी और न ही बिजली की. कई छात्रों के कंप्यूटर सिस्टम अचानक से लॉग आउट गए थे. कई छात्रों ने तो ये तक बताया कि जब वे एडमिट कार्ड डाउनलोड कर रहे थे तो कार्ड ब्लैंक आने लगे थे. कई शिकायतों में कहा गया कि परीक्षार्थियों को 500-500 किलोमीटर दूर तक परीक्षा केंद्रों पर भेजा गया.

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इसमें पूर्व तकनीकी साझेदार TCS (टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज) की भूमिका को लेकर सवाल उठे. हालांकि एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) पर जानबूझकर परीक्षा प्रक्रिया में बाधा डालने  का आरोप लगाने वाली एक औपचारिक शिकायत अब उस परीक्षा केंद्र की ओर से वापस ले ली गई है, जिसने  यह शिकायत दर्ज कराई थी.

अव्यवस्था फैलाने का आरोप

देशभर में SSC की परीक्षाओं में हुई गड़बड़ियों को अब केवल व्यवस्थागत भूल नहीं, बल्कि एक संभावित साज़िश के रूप में देखा जा रहा है. कई परीक्षा केंद्रों से मिली जानकारी और अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, पूर्व तकनीकी साझेदार TCS पर जानबूझकर अव्यवस्था फैलाने का आरोप है. हालांकि TCS ने अपने आधिकारिक बयान में कहा: “SSC परीक्षा में अव्यवस्था के लिए TCS को दोषी ठहराना पूरी तरह से गलत और निराधार है. यह आरोप भ्रामक और दुर्भावनापूर्ण हैं.”

बेहतर निगरानी सुनिश्चित करना था

सरकार ने SSC परीक्षा प्रणाली में बड़े बदलाव किया. लंबे समय से चली आ रही ठेकेदारी प्रणाली को तोड़ा और क्षेत्रीय स्तर पर परीक्षा संचालन की इजाजत दी. इस बदलाव के कारण TCS को अपना विशेष अनुबंध खोना पड़ा. नए मॉडल का उद्देश्य पारदर्शिता, तेज परिणाम और बेहतर निगरानी सुनिश्चित करना था. लेकिन परीक्षा केंद्रों से आई रिपोर्ट जैसे अनुपस्थित स्टाफ, खराब तकनीकी व्यवस्था और संपर्क की कमी ने इस प्रणाली की सफलता पर सवाल खड़े कर दिए. अब आरोप लगाए जा रहे हैं कि यह समस्याएं नई प्रणाली की शुरुआत के कारण नहीं, बल्कि उन लोगों के कारण उत्पन्न हुईं, जिन्हें इस बदलाव से नुकसान हुआ.

शिकायत में निम्नलिखित गंभीर आरोप लगाए गए हैं:

परीक्षा केंद्र के कर्मियों को उम्मीदवारों की एंट्री में देरी करने का निर्देश था. वहीं कुछ केंद्रों को संचालन न करने की सलाह दी गई थी. एक अन्य केंद्रों को भी प्रभावित करने की कोशिश की गई.

छात्रों पर असर

SSC परीक्षा में लाखों छात्र हर साल शामिल होते हैं. इनमें से अधिकांश छोटे शहरों और सीमित संसाधनों वाले परिवारों से आते हैं. ऐसी अव्यवस्थाएं केवल प्रशासनिक असफलताएं नहीं होतीं. यह युवाओं के करियर, आय और जीवन को गहरा असर डालती हैं. यह घटनाएं अब देशभर के युवाओं का विश्वास डगमगाने लगी हैं.

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