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शोध के क्षेत्र में यूपी के विश्‍वविद्यालयों ने रचा इतिहास, पूर्वांचल यूनिवर्सिटी ने हासिल किया तीसरा स्‍थान

योगीराज में उत्‍तर प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में भी नित नई ऊंचाइयों को छू रहा है. राज्‍य में उच्‍च शिक्षा के क्षेत्र में किए प्रयासों के परिणाम सामने आने लगे हैं.

Updated on: 08 Jan 2021, 07:04 PM

लखनऊ:

योगीराज में उत्‍तर प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में भी नित नई ऊंचाइयों को छू रहा है. राज्‍य में उच्‍च शिक्षा के क्षेत्र में किए प्रयासों के परिणाम सामने आने लगे हैं. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और यूजीसी (यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन) के सहयोग से शोध को बढ़ाने के लिए बनाए गए शोध गंगा पोर्टल पर 6 महीने पहले देश में पांचवा स्‍थान रखने वाला वीरबहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय (वीबीएस) अब देश में तीसरे और प्रदेश में अव्‍वल आया है. शोध गंगा पोर्टल पर विश्‍वविद्यालय की ओर से अब तक 8211 थिसिस अपलोड की गई है. टॉप टेन में कानपुर का छत्रपति साहू जी महाराज विश्‍वविद्यालय भी जगह बनाए हुए है.

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और यूजीसी की ओर से देश भर में शोध की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए शोध गंगा पोर्टल तैयार किया गया है. थीसिस के कंटेंट की चोरी पर लगाम लगाने के लिए सभी विश्वविद्यालयों को इस पोर्टल पर अपनी थीसिस अपलोड करनी है. इसके अलावा किसी शोधार्थी के किए गए शोध कार्य दुनिया के दूसरे कोने में बैठे अन्य शोधार्थी भी देख सकते हैं और उसका फायदा उठा सकते हैं.

प्रदेश में 17 राज्य विश्वविद्यालयों में 8211 थीसिस के साथ वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विवि, जौनपुर देश भर में तीसरे नम्‍बर पर है तो कानपुर का छत्रपति साहू जी महाराज विश्‍वविद्यालय 6ठे स्‍थान पर है. 4598 थीसिस के साथ डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विवि, अयोध्या भी टॉप विश्‍वविद्यालयों की लिस्‍ट में शुमार है. यहां पिछले छह महीने में काफी तेजी से काम हुआ है. चौधरी चरण सिंह विवि मेरठ से 2122 थीसिस अपलोड की गई है.  

लखनऊ विश्‍वविद्यालय 1047, इलाहाबाद विश्‍वविद्यालय 1356, चौधरी चरण सिं‍ह विश्‍वविद्यालय की ओर से 2122 आचार्य नरेन्‍द्र देव कृषि विश्‍वविद्यालय 186 थिसिस अपलोड किए गए हैं. कुछ साल पहले तक शोधार्थियों द्वारा कॉपी-पेस्ट करके शोध पेश किया जाता रहा, जिसमें न तो कोई मौलिकता होती और न ही गुणवत्‍ता. शिक्षा मंत्रालय ने शोध में मौलिकता लाने और  गुणवत्‍ता बढ़ाने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की मदद से नए सॉफ्टवेयर शोध गंगा एप की शुरुआत की, जिसमें विश्‍वविद्यालयों को अपने यहां हुए शोध की सीडी पोर्टल पर अपलोड करनी होती है. अब तक पूरे देश के 476 विश्‍वविद्यालयों द्वारा 2,91,848 थिसिस पोर्टल पर अपलोड किए जा चुके हैं. 

लुआक्‍टा के पूर्व अध्‍यक्ष डॉ मौलिन्‍दु मिश्र ने कहा, शोध गंगा एप से शोध क्षेत्र में गुणवत्‍ता बढ़ी है और यूपी के विश्‍वविद्यालयों में इस पर काफी काम किया जा रहा है. यूपी में उच्‍च शिक्षा को ऊंचाइयों तक ले जाने का पूरा श्रेय मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ को जाता है. उन्‍हीं के प्रयासों से प्रदेश में उच्‍च शिक्षा की नई तस्‍वीर सामने आ रही है.