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UGC ने छात्रों को किया अलर्ट, महाराष्ट्र की इस यूनिवर्सिटी में न लें एडमिशन

UGCने कहा कि यह यूनिवर्सिटी एक गैर-मान्यता प्राप्त 'सेल्फ स्टाइल्ड इंस्टीट्यूशन' है, जिसके पास डिग्री इश्यू करने का कोई अधिकार नहीं है.

Updated on: 20 Jul 2022, 08:26 PM

highlights

  • यूजीसी ने इस यूनिवर्सिटी को बताया फर्जी.
  • मान्यता के लिए विश्वविद्यालय में दाखिला लेने से पहले जांच लें.
  • यूनिवर्सिटी के पास  डिग्री इश्यू करने का कोई अधिकार नहीं

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विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC)ने मंगलवार को छात्रों को महाराष्ट्र में डिजिटल यूनिवर्सिटी ऑफ स्किल रिसर्जेंस में एडमिशन लेने को लेकर सावधान किया है. UGCने कहा कि यह यूनिवर्सिटी एक गैर-मान्यता प्राप्त 'सेल्फ स्टाइल्ड इंस्टीट्यूशन' है, जिसके पास डिग्री इश्यू करने का कोई अधिकार नहीं है. इस संबंध में आयोग ने परामर्श जारी किया है कि विद्यार्थियों को डिजिटल यूनिवर्सिटी ऑफ स्किल रिसर्जेंस, वर्धा, महाराष्ट्र में दाखिला नहीं लेना चाहिए, क्योंकि यह स्व घोषित विश्वविद्यालय है. इसे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से मान्यता प्रदान नहीं की गई है. 

वहीं इससे पहले विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC)ने छात्रों को तमिलनाडु में पेरियार यूनिवर्सिटी  में एडमिशन को लेकर चेतावनी जारी की थी. दरअसल यूजीसी को यूनिवर्सिटी ऑफ स्किल रिसर्जेंस (ए वर्चुअल मेटा यूनिवर्सिटी) के बारे में शिकायतें मिली थी कि यह संस्थान छात्रों को प्रवेश देकर कई पाठ्यक्रम संचालित कर रहा है. आयोग ने शिकायत मिलने के बाद इस पर कार्रवाई शुरू की. 

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दिल्ली NCR में 7 यूनिवर्सिटी फर्जी

 बता दें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली एनसीआर भी ऐसे संस्थानों से मुक्त नहीं हैं. यहां भी सात यूनिवर्सिटी ऐसी हैं जो फर्जी हैं और यूजीसी के मानक नियमों का उल्लंघन कर रही हैं.  उन सात यूनिवर्सिटी का नाम इस प्रकार हैं. कमर्शियल यूनिवर्सिटी लिमिटेड, संयुक्त राष्ट्र विश्वविद्यालय, व्यावसायिक विश्वविद्यालय, एडीआर केंद्रित न्यायिक विश्वविद्यालय, भारतीय विज्ञान और इंजीनियरिंग संस्थान,विश्वकर्मा मुक्त विश्वविद्यालय और आध्यात्मिक विश्वविद्यालय. डिजिटल यूनिवर्सिटी ऑफ़ स्किल रिसर्जेंस को न तो विश्वविद्यालयों की सूची में धारा 2(1) या धारा 3 के तहत सूचीबद्ध किया गया है और न ही यूजीसी अधिनियम, 1956 की धारा 22 के अनुसार कोई डिग्री प्रदान करने का अधिकार है.

सभी छात्रों को सलाह दी गई है कि वे इसकी मान्यता के लिए विश्वविद्यालय में दाखिला लेने से पहले जांच लें. यूजीसी समय-समय पर गैर-मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों की सूची भी जारी करता है. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी ने 24 'स्वयंभू' संस्थानों को फर्जी घोषित किया हुआ है जबकि दो और संस्थानों पर नियमों के उल्लंघन का आरोप है.