प्रैक्टिस ऑफ प्रोफेसर की नियुक्ती पर यूजीसी सचिव की चिट्ठी

यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (ugc)के सचिव रजनीश जैन ने 30 सितम्बर को यूनिवर्सिटी के वीसी, सभी संस्थानों के डारेक्टर और सभी कॉलेज के प्रिंसिपल को चिट्ठी लिखी, उन्होंने चिट्ठी में प्रैक्टिस ऑफ प्रोफेसर की नियुक्ति.

यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (ugc)के सचिव रजनीश जैन ने 30 सितम्बर को यूनिवर्सिटी के वीसी, सभी संस्थानों के डारेक्टर और सभी कॉलेज के प्रिंसिपल को चिट्ठी लिखी, उन्होंने चिट्ठी में प्रैक्टिस ऑफ प्रोफेसर की नियुक्ति.

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Deepak Pandey
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UGC( Photo Credit : SOCIAL MEDIA)

यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (ugc)के सचिव रजनीश जैन ने 30 सितम्बर को यूनिवर्सिटी के वीसी, सभी संस्थानों के डारेक्टर और सभी कॉलेज के प्रिंसिपल को चिट्ठी लिखी,
उन्होंने चिट्ठी में प्रैक्टिस ऑफ प्रोफेसर की नियुक्ती के संबंध चिट्ठी लिखा जसमें उन्होंने एक गाइडलाइन जारी किया है. दरअसल नई शिक्षा निति(NEP)2020 के अंतर्गत
सभी हाईयर एजूकेशन संस्थानो में प्रैक्टिस ऑफ प्रोफेसर की नियुक्ती पर गाइडलाइन जारी की है. यूजीसी की गाइडलाइंस के मुताबिक इंजीनियरिंग, विज्ञान, मीडिया, साहित्य, उद्यमिता, सामाजिक विज्ञान, ललित कला, लोक सेवा, सशस्त्र बल, लीगल प्रफेशन समेत दूसरे क्षेत्रों के विशेषज्ञ

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सचिव रजनीश जैन ने लिखा, सम्रग और बहु-विषयक शिक्षा के संदर्भ में जैसा कि नई शिक्षा निति 2020 में यह बहुत महत्तवपूर्ण है सभी उच्च शिक्षण संस्थान के लिए
कि यह निर्णय लिया गया है. उन्होंने आगे लिखा कि उच्च शिक्षा संस्थानों को कौशल और विशेषज्ञता वाले लोगों की आवश्यकता है और इन पर ध्यान देना चाहिए.
गैर-शैक्षणिक करियर, शिक्षण और अनुसंधान में अर्जित, यूजीसी ने एक हाई ऐजुकेशन में प्रैक्टिस ऑफ प्रोफेसर को शामिल करने की एक नई पहल होनी चाहिए.
उन्होंने आगे लिखा कि सभी यूनिवर्सीटी के वीसी, कॉलेज के प्रिंसिपल से निवेदन है कि इस संबंध में कारवाई करे और पद सृजृत कर प्रैक्टिस ऑफ प्रोफेसर.
की नियुक्ति करें.

प्रैक्टिस ऑफ प्रोफेसर की नियुक्ति से कई क्षेत्रों के विशेषज्ञों को मौका मिलेगा अपनी जानकारी साझा करने का वही स्टूडेंट को भी मौका मिलेगा विशेषज्ञों के द्वारा पढ़ने
के लिए. प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस के चयन की प्रक्रिया है कुलपति/निदेशक प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस पदों के लिए प्रख्यात विशेषज्ञों से नामांकन आमंत्रित कर सकते हैं। 

नई एजुकेशन पॉलिसी जुलाई 2020 को देश में लागू किया गया था जिसमें 5+3+3+4 की निति है और इसमें बच्चों के स्कूल में हॉलिस्टिक और मोडर्न तकनीक से
पढ़ाया जायेगा. बच्चे अब तीन साल की उम्र में फॉर्मल स्कूल में जाने लगेंगे। छह साल की उम्र में बच्चा पहले की तरह की पहली कक्षा में होगा। दरअसल, नई व्यवस्था में प्ले-स्कूल के शुरुआती साल भी स्कूली शिक्षा में जोड़े गए हैं।

Source : IANS/News Nation Bureau

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