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यूनिवर्सिटी और कॉलेजों (Universities and Colleges) में संविदा (एडहॉक) पर पढ़ाने टीचर्स के लिए खुशखबरी है. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (University Grant Commission-UGC) ने इन टीचर्स को बहुत बड़ी रहात देने जा रही है. यूजीसी के सचिव प्रो. रजनीश जैन ने स्थायी नियुक्ति के लिए देश के सभी केंद्रीय, राज्य और डीम्ड विश्वविद्यालयों को एक दिशा निर्देश जारी किया था.
रजनीश जैन ने पत्र में निर्देश दिया था कि एक निश्चित समय सीमा के अंदर सभी रिक्त पदों को भर लिया जाए. इसी संबंध में उन्होंने एक बार फिर सभी यूनिवर्सिटी को निर्देश जारी किया है.
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उन्होंने विश्वविद्यालयों को सूचित किया कि दिशा निर्देश में दी गई समय सीमा के अंदर सभी नियुक्तियां की जाएं, जिससे कि उच्च शैक्षणिक संस्थानों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर कोई दुष्प्रभाव न पड़े. इससे एडहॉक या संविदा पर पढ़ाने वाले टीचर्स को परमानेंट करने की दिशा में बड़ा कदम होगा.
अभी कुछ दिन पहले ही यूजीसी ने ने 23 फर्जी यूनिवर्सिटी की सूची जारी की थी. इस लिस्ट में सबसे ज्यादा कॉलेज उत्तर प्रदेश के है जिनकी संख्या 8 है. आयोग ने दिशा निर्देश में सूचित किया कि विद्यार्थियों और आम लोगों को सूचित किया जाता है कि फिलहाल देश के विभिन्न हिस्सों में 23 यूनिवर्सिटी हैं जिनके पास अभी मान्यता नहीं है और वो गैरकानूनी हैं. ऐसे में उम्मीदवारों को एडमिशन लेते वक्त ध्यान रखने की जरुरत है.
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इस बारे में यूजीसी सचिव रजनीश जैन ने कहा था कि फिलहाल देश के विभिन्न हिस्सों में यूजीसी अधिनियम का उल्लंघन कर 23 यूनिवर्सिटी स्वघोषित, गैर-मान्यता प्राप्त संस्थान हैं. इनमें से आठ विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश में हैं, उसके बाद दिल्ली में (सात) हैं. इसके अलावा केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र और पुडुचेरी में एक-एक फर्जी विश्वविद्यालय हैं.
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