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12वीं की परीक्षा नहीं लेने का फैसला उचित, मेरिट का पूरा ख्याल रखेगा दिल्ली विश्वविद्यालय

दिल्ली विश्वविद्यालय केंद्रीय विश्वविद्यालय हैं ,जो सिर्फ सीबीएसई को आधार मानकर अपनी एंट्रेंस नीति नहीं बनाता, हमारे लिए सभी राज्यों के बोर्ड भी समान वैल्यू रखते हैं, इसलिए हम मेरिट को आधार बनाकर कॉलेजों में एडमिशन करवाएंगे.

Updated on: 02 Jun 2021, 04:09 PM

नई दिल्ल:

दिल्ली विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर पूरन चंद्र जोशी का 12वीं के परीक्षा के रद्द होने पर यह कहा कि जिस तरीके से दिल्ली समेत देश में कोरोना संक्रमण देखने को मिल रहा है, ऐसे में यह बहुत जरूरी था कि 12वीं की बोर्ड परीक्षा नहीं करवाई जाए. सबसे पहले हमें देखना होगा कि सीबीएसई किस आधार पर नंबर देगा और दिल्ली विश्वविद्यालय केंद्रीय विश्वविद्यालय हैं ,जो सिर्फ सीबीएसई को आधार मानकर अपनी एंट्रेंस नीति नहीं बनाता, हमारे लिए सभी राज्यों के बोर्ड भी समान वैल्यू रखते हैं, इसलिए हम मेरिट को आधार बनाकर कॉलेजों में एडमिशन करवाएंगे. अभी कई राज्यों के बोर्ड ऑफलाइन परीक्षाएं ले रहे हैं. कई राज्यों को फैसला लेना अभी बाकी है, ऐसे में सिर्फ सीबीएसई ही नहीं बाकी पूरे देश की 12वीं के एग्जाम और उसके आधार पर दिए जाने वाले नंबरो को देखते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रवेश दिया जाएगा, इसलिए इस बार ऐडमिशन प्रोसेस आम सालों की तुलना में लंबा हो सकता है.


सेंट्रल यूनिवर्सिटी कॉमन एंट्रेंस एग्जाम, से संभव हो सकती है प्रवेश परीक्षा:

सेंट्रल यूनिवर्सिटी कॉमन एंट्रेंस एग्जाम की पूरी तैयारियां हो चुकी है ,हालांकि इसके लिए छात्र छात्राओं को एग्जामिनेशन हॉल तक आना होगा. ऐसे में संक्रमण के खतरे को देखते हुए इस पर फैसला अभी नहीं लिया गया है ,लेकिन अगर आने वाले कुछ सप्ताह में हालात ठीक हुए तो इस एंट्रेंस एग्जाम के आधार पर नाच दिल्ली विश्वविद्यालय बल्कि देश के सभी सेंट्रल यूनिवर्सिटी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश संभव होगा.


स्पेशल केटेगरी स्टूडेंट के सर्टिफिकेट की होगी फॉरेंसिक जांच:

हमने पिछले साल भी यह व्यवस्था बना ली थी कि जो छात्र सांस्कृतिक, स्पोर्ट्स या अन्य किसी कला के आधार पर आरक्षित नंबर के साथ दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रवेश लेना चाहते हैं ,उन्हें ऑनलाइन तरीके से अपने तमाम सर्टिफिकेट जमा कराने होंगे. हम उनकी फॉरेंसिक जांच करवाएंगे और उसी आधार पर उन्हें प्रवेश दिया जाएगा.


जब तक टीकाकरण नहीं तब तक ऑनलाइन ही विकल्प:

वाइस चांसलर के रूप में मेरी जवाबदेही और जिम्मेवारी सिर्फ छात्रों के लिए नहीं, हमारे शिक्षकों और विश्वविद्यालय के सभी कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर भी है. हमने महामारी में अपने बहुत से साथियों को खोया है. ऐसे में हमारी प्रथम प्राथमिकता सुरक्षा को लेकर है. ऑनलाइन क्लासेज से लेकर कम से कम कर्मचारियों के साथ विश्वविद्यालय का प्रशासन चलाया जा रहा है, लेकिन जैसे-जैसे टीकाकरण को रफ्तार मिलेगी हमें उम्मीद है कि भविष्य में हम न्यू नॉर्मल की तरफ आगे बढ़ेंगे, क्योंकि क्लासरूम एजुकेशन का कोई दूसरा विकल्प हो नहीं सकता.