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DU में छात्र-शिक्षक के कम अनुपात ने छीना उपलब्धियों का मकाम

पिछले वर्ष दिल्ली विश्वविद्यालय 11वें स्थान पर था. इस साल एक स्थान की गिरावट के साथ दिल्ली विश्वविद्यालय 12वें स्थान पर आ गया है.

Updated on: 11 Sep 2021, 11:28 AM

highlights

  • दिल्ली विश्वविद्यालय को तत्काल शिक्षक-छात्र अंतर को भरने की आवश्यकता
  • राष्ट्रीय रैंकिंग में जेएनयू दूसरा सबसे बेहतर विश्वविद्यालय बन कर उभरा
  • पिछड़ने के बावजूद दिल्ली विश्वविद्यालय रिसर्च में बेहतर

नई दिल्ली:

एनआईआरएफ की राष्ट्रीय रैंकिंग में सुधार के बावजूद जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय को अपनी स्थिति बरकरार रखने के लिए अपने शोध कार्य में सुधार करना होगा और उसमें तेजी लानी होगी. वहीं दूसरी ओर टॉप 10 की सूची से बाहर हो चुके दिल्ली विश्वविद्यालय को तत्काल शिक्षक-छात्र अंतर को भरने की आवश्यकता है. गौरतलब है कि एनआईआरएफ यूनिवर्सिटी 2021 में दिल्ली विश्वविद्यालय की रैंकिंग इस साल एक पायदान लुढ़क गई है. पिछले वर्ष दिल्ली विश्वविद्यालय 11वें स्थान पर था. इस साल एक स्थान की गिरावट के साथ दिल्ली विश्वविद्यालय 12वें स्थान पर आ गया है. वहीं 2019 में दिल्ली विश्वविद्यालय का देश भर के विश्वविद्यालयों में 13वां नंबर था.

गिरावट की वजह बना यह कारण
दिल्ली विश्वविद्यालय की रैंकिंग में आई इस गिरावट का बड़ा कारण दिल्ली विश्वविद्यालय का छात्र शिक्षक अनुपात है. दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर पीसी जोशी के मुताबिक कुछ अन्य विश्वविद्यालयों के मुकाबले छात्र शिक्षक अनुपात में दिल्ली विश्वविद्यालय की स्थिति उतनी अच्छी नहीं है. प्रोफेसर पीसी जोशी के मुताबिक दिल्ली विश्वविद्यालय को मौजूदा रैंकिंग में छात्र शिक्षक अनुपात के लिए जेएनयू के मुकाबले 30 अंक कम हासिल हुए हैं. इससे दिल्ली विश्वविद्यालय की रैंकिंग में गिरावट आई है.

जेएनयू को मिला दूसरा पायदान
एनआईआरएफ की राष्ट्रीय रैंकिंग में पूरे देश में जेएनयू को दूसरा सबसे बेहतर विश्वविद्यालय घोषित किया गया है. हालांकि रिसर्च के क्षेत्र में दिल्ली विश्वविद्यालय, जेएनयू से आगे है. प्रोफेसर पीसी जोशी ने कहा कि रिसर्च में दिल्ली विश्वविद्यालय 11वें स्थान पर है जबकि जेएनयू 18वें स्थान पर है. हालांकि ओवरऑल रैंकिंग में जेएनयू देश का दूसरा सबसे बेहतरीन विश्वविद्यालय घोषित किया गया है. दिल्ली विश्वविद्यालय में शिक्षकों की भर्ती की मांग लंबे समय से उठाई जा रही है. अपने कार्यकाल के दौरान प्रोफेसर पीसी जोशी ने इस दिशा में कई महत्वपूर्ण पहल की है. हालांकि अभी भी विश्वविद्यालय में बड़ी तादाद में पदों को भरा जाना एवं शिक्षकों को स्थाई नियुक्ति देना बाकी है.

डीयू ने रिसर्च में किया अच्छा काम
अन्य कई विश्वविद्यालयों से छात्र शिक्षक अनुपात में पिछड़ने के बावजूद दिल्ली विश्वविद्यालय ने रिसर्च के क्षेत्र में अच्छा काम किया है. दिल्ली विश्वविद्यालय व अन्य विश्वविद्यालयों की रैंकिंग जिन पैरामीटर्स पर तय की गई उनमें लर्निंग एवं रिसोर्सेस, ग्रेजुएशन आउटकम्स, रिसर्च एवं प्रोफेशनल प्रैक्टिसेस, पर्सेप्शन और आउटरीच एवं इन्क्लुजिविटी के मानकों पर संस्थान से प्राप्त आकड़े शामिल हैं. इनमें से कुछ मानकों में दिल्ली विश्वविद्यालय अपना प्रदर्शन नहीं सुधार सका. यही कारण है कि दिल्ली विश्वविद्यालय इस रैंकिंग में बीते वर्ष के मुकाबले एक पायदान नीचे लुढ़क गई.

कुलपति को दी गई बधाई
वहीं एनआईआरएफ-2021 में बेहतर रैंकिंग पर खुशी जाहिर करते हुए, जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) की तीनों कर्मचारी एसोसिएशन ने कुलपति प्रोफेसर नजमा अख्तर को पत्र लिखकर उनके कुशल नेतृत्व के लिए उनकी प्रशंसा की. एसोसिएशन के मुताबिक कुलपति के कुशल नेतृत्व के कारण ही देश के 10 शीर्ष विश्वविद्यालयों में जामिया की रैंक 6 तक और ओवरऑल में पिछले वर्ष के मुकाबले 16वीं से 13वीं रैंक तक अपग्रेड होना संभव हो सका है. जामिया शिक्षक संघ (जेटीए) के सचिव डॉ. मोहम्मद इरफान कुरैशी ने इस उपलब्धि के लिए पूरी जामिया बिरादरी को बधाई देते हुए कहा कि इस खबर के बाद विश्वविद्यालय परिसर में खुशी की लहर है. कुलपति प्रो नजमा अख्तर के गतिशील और कुशल नेतृत्व में, इतना ऊंचा स्थान हासिल करना जामिया मिल्लिया इस्लामिया में उच्च क्षमता वाले शिक्षण और अनुसंधान कार्यक्रमों की वास्तविकता को दर्शाता है.