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BHU कुलपति ने दिया इस्तीफा, रेक्टर संभालेंगे कुलपति का कार्यभार

फिलहाल सर्च कमिटी ने बीएचयू के नए कुलपति (VC) के लिए नाम नहीं सुझाए हैं, जिसके चलते अस्थायी तौर पर बीएचयू के रेक्टर को कुलपति का कार्यभार सौंपा गया है.

Updated on: 29 Mar 2021, 09:21 AM

highlights

  • कुलपति राकेश भटनागर ने रविवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया
  • रेक्टर प्रोफेसर विनय कुमार शुक्ला संभालेंगे फिलहाल पदभार
  • कुलपति के लिए कैंडिडेट की तलाश कर रही सर्च कमेटी

नई दिल्ली:

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के कुलपति राकेश भटनागर ने रविवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने अपना कार्यकाल पूर्ण होने के चलते पद से इस्तीफा दिया है. फिलहाल सर्च कमिटी ने बीएचयू के नए कुलपति (VC) के लिए नाम नहीं सुझाए हैं, जिसके चलते अस्थायी तौर पर बीएचयू के रेक्टर को कुलपति का कार्यभार सौंपा गया है. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने इस विषय में आधिकारिक जानकारी देते हुए कहा, 'अपना कार्यकाल पूरा होने पर प्रोफेसर राकेश भटनागर, वीसी बीएचयू ने कुलपति के पद को त्याग दिया है. बीएचयू अधिनियम के प्रावधान के अनुसार, विश्वविद्यालय के रेक्टर प्रोफेसर विनय कुमार शुक्ला, वीसी बीएचयू के कार्यालय के कार्यों का निष्पादन करेंगे.'

राकेश भटनागर ने रविवार को छोड़ा पद
रविवार शाम बीएचयू के कुलपति प्रोफेसर राकेश भटनागर ने अपना पद छोड़ा. रविवार शाम पांच बजे बीएचयू में बतौर बतौर कुलपति उनके कार्यकाल का अंतिम दिन रहा. प्रोफेसर राकेश भटनागर द्वारा पद मुक्त होने के बाद रेक्टर प्रोफेसर वी.के. शुक्ल को आधिकारिक तौर पर कार्यवाहक कुलपति का कार्यभार सौंपा गया है. शिक्षा मंत्रालय ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया है कि फिलहाल प्रोफेसर वीके शुक्ल ही कुलपति के दायित्वों का निर्वाहन करेंगे.

नए कुलपति की तलाश जारी
भटनागर ने शनिवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को पत्र लिखकर अपना कार्यकाल पूरा होने की जानकारी दे दी थी. नियमानुसार नया कुलपति नियुक्त होने तक पदासीन कुलपति कार्यभार संभाले रह सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया. सर्च कमेटी की बैठकें तो हुईं, मगर कुलपति पद के लिए अब नए सिरे से उपयुक्त व्यक्ति की तलाश चल रही है, जिसमें काफी विलंब हो रहा है. वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय के लिए भी अभी तक कुलपति की तलाश पूरी नहीं हो सकी है. दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर पीसी जोशी कार्यवाहक कुलपति के तौर पर दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति के दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं.

चयन में हो रही देरी
नियमानुसार नया कुलपति नियुक्त होने तक पदासीन कुलपति कार्यभार संभाले रह सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया. उनकी विदाई समारोह पर बीएचयू के सभी पदाधिकारी और शिक्षक मौजूद रहे. जैसा कि पहले से कयास लगाया जा रहा था कि सेवानिवृत्ति तक नए कुलपति की नियुक्ति हो जाएगी. मगर अब तक यह संभव नहीं हो पाया. सर्च कमेटी की बैठकें तो हुईं मगर अब नए सिरे से कुलपति के लिए कैंडिडेट की तलाश करने लगी है, जिसमें काफी विलंब हो रहा है.