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नालंदा विश्वविद्यालय में नए साल से होगी हिन्दू स्टडीज की भी पढ़ाई

नालंदा अपनी विद्वतापूर्ण परंपरा के लिए जाना जाता था. वर्तमान नालंदा भी उत्कृष्टता के लिए एक केंद्र बनाने की ओर अग्रसर है.

Updated on: 26 Dec 2021, 11:38 AM

highlights

  • हिन्दू स्टडीज (सनातन) के प्रथम बैच के नामांकन की प्रक्रिया शुरू
  • 17 जनवरी 2022 से इस कोर्स की विधिवत पढ़ाई शुरू हो जाएगी

बिहार शरीफ:

बिहार के चर्चित नालंदा विश्वविद्यालय में नए साल से हिन्दू स्टडीज (सनातन) की पढ़ाई भी शुरू होने वाली है. इसके लिए स्नातकोत्तर हिन्दू स्टडीज (सनातन) के प्रथम बैच के नामांकन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. हिंदू अध्ययन में एम.ए. प्रोग्राम का उद्देश्य छात्रों को प्राच्य सभ्यता और संस्कृति के मूलभूत सिद्धांतों से अवगत कराना है. नालंदा विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुनैना सिंह ने बताया कि राजगीर के विश्वविद्यालय परिसर में 17 जनवरी 2022 से इस कोर्स की विधिवत पढ़ाई शुरू हो जाएगी.

सिंह के अनुसार, हम भारतीय बौद्धिक परंपराओं के लिए एक संसाधन केंद्र बनाने की कोशिश कर रहे हैं. नालंदा अपनी विद्वतापूर्ण परंपरा के लिए जाना जाता था. वर्तमान नालंदा भी उत्कृष्टता के लिए एक केंद्र बनाने की ओर अग्रसर है. हिंदू अध्ययन में एम.ए. प्रोग्राम का उद्देश्य छात्रों को प्राच्य सभ्यता और संस्कृति के मूलभूत सिद्धांतों से अवगत कराना है. उन्होंने बताया कि इस कोर्स के माध्यम से छात्र भारत की समग्र विचार-परंपरा का विश्लेषणात्मक विधियों द्वारा एक तार्किक समझ विकसित कर सकेंगे.

उन्होंने कहा कि इस पढ़ाई के माध्यम से छात्रों को भारतीय संस्कृति के शाश्वत सिद्धांत और जीवन मूल्य के साथ विभिन्न प्रकार की ज्ञान परंपराओं और प्रथाओं के समग्र अध्ययन और अनुसंधान का अवसर प्राप्त होगा. दो साल के इस प्रोग्राम का उद्देश्य नई पीढ़ी को प्राचीन परंपरा के प्राचीन ज्ञान स्रोतों के साथ-साथ वर्तमान संदर्भ में उनके महत्वों से भी अवगत कराना है. उन्होंने कहा कि इस कोर्स के पाठ्यक्रम में वेद, उपनिषद, इतिहास-पुराण, रामायण और महाभारत के साथ-साथ नाट्यशास्त्र और अर्थशास्त्र को भी जगह दी गई है. इसके पाठ्यक्रम के माध्यम से नई पीढ़ी, सनातन परंपराओं को विस्तार पूर्वक जान पाएगी. उल्लेखनीय है कि इस विश्वविद्यालय में देश और विदेश के छात्र विभिन्न विषयों की पढ़ाई कर रहे हैं.