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DU : असेसमेंट मूल्यांकन से इंटरमीडिएट का रिजल्ट

एबीई यानी असेसमेंट आधारित इवैल्यूएशन के माध्यम से इन छात्रों का परीक्षा परिणाम तैयार कर उन्हें अगली कक्षा में प्रमोट किया जाएगा.

Updated on: 20 May 2021, 09:45 PM

highlights

  • फाइनल ईयर के छात्रों की परीक्षा अब 1 जून की बजाए 7 जून से शुरू होंगी
  • परीक्षा ओबीई यानी ओपन बुक एग्जाम के जरिए ऑनलाइन माध्यमों से होगी
  • दिल्ली यूनिवर्सिटी ने वर्किग ग्रुप की मीटिंग में यह निर्णय लिया है

नई दिल्ली:

कोरोना संक्रमण के मद्देनजर दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले रेगुलर, स्कूल ऑफ ओपन लनिर्ंग, और नॉन कॉलिजिएट वुमंस एजुकेशन बोर्ड के इंटरमीडिएट सेमेस्टर के छात्रों का रिजल्ट एबीई से तैयार होगा. एबीई यानी असेसमेंट आधारित इवैल्यूएशन के माध्यम से इन छात्रों का परीक्षा परिणाम तैयार कर उन्हें अगली कक्षा में प्रमोट किया जाएगा. डीन एग्जामिनेशंस प्रोफेसर डीएस रावत ने कहा कि फाइनल ईयर के छात्रों की परीक्षा अब 1 जून की बजाए 7 जून से शुरू होंगी. अंतिम वर्ष के छात्रों की परीक्षा ओबीई यानी ओपन बुक एग्जाम के जरिए ऑनलाइन माध्यमों से होगी. दिल्ली यूनिवर्सिटी में फिलहाल अंडरग्रैजुएट, पोस्टग्रैजुएट कोर्सेज के फाइनल ईयर की परीक्षा लेने की तैयारी की जा रही है. डीन एग्जामिनेशन डीएस रावत ने कहा कि प्रथम वर्ष के छात्रों की परीक्षा जुलाई-अगस्त में तय है. इसलिए अभी इस विषय पर कोई नई जानकारी जारी करने की आवश्यकता नहीं है. कोविड-19 की मौजूदा स्थिति को देखते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय में अंतिम वर्ष के छात्रों की परीक्षा 1 सप्ताह और टालने का निर्णय लिया है.

वहीं इंटरमीडिएट सेमेस्टर के छात्रों को असाइनमेंट बेस्ड इवैल्यूशन के आधार पर प्रमोट किया जाएगा. दिल्ली यूनिवर्सिटी ने वर्किग ग्रुप की मीटिंग में यह निर्णय लिया है. शुक्रवार को इसका नोटिफिकेशन जारी होगा. डीयू के डीन एग्जामिनेशंस प्रो डीएस रावत ने बताया इंटरमीडिएट सेमेस्टर, द्वितीय वर्ष के छात्रों के लिए पिछले साल की तरह ही असाइनमेंट आधारित इवैल्यूएशन होगा. इसी आधार पर छात्र अगली क्लास के लिए प्रमोट होंगे. दिल्ली यूनिवर्सिटी टीचर्स असोसिएशन (डूटा) और कई अन्य शिक्षक संगठनों ने परीक्षा रद्द करने की मांग की थी. इन संगठनों का कहना है कि कोरोना की मौजूदा स्थिति को देखते हुए यह परीक्षाएं रद्द की जानी चाहिए. कई सैकड़ों छात्र एवं शिक्षक कोरोना से पीड़ित हैं. ऐसे में मानसिक रूप से कई छात्र परीक्षा देने की स्थिति में नहीं हैं. डीन एग्जामिनेशंस प्रो रावत का कहना है कि फाइनल ईयर का एग्जाम अहम है. इसी के आधार पर छात्र को अपना भविष्य तय करना होता है. अंतिम वर्ष की परीक्षाओं के आधार पर कई छात्रों को उच्च शिक्षण पाठ्यक्रमों में दाखिला मिलता है. अंतिम वर्ष की परीक्षाओं में प्राप्त अंक के आधार पर कई छात्र नौकरी भी प्राप्त करते हैं.