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Delhi University में आर्थिक रुप से कमजोर उम्मीदवारों के लिए बढ़ेगी सीटें

दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University-DU) प्रशासन की एडमिशन ब्रांच की तररफ से बीते एक महीने में सेशन 2020-21 के दाखिले की प्रक्रिया की तैयारी के लिए विभिन्न बैठकों का आयोजन किया गया.

Updated on: 04 Feb 2020, 09:28 AM

highlights

  • Delhi University में आर्थिक रुप से कमजोर उम्मीदवारों के लिए बढ़ेंगी सीटें.
  • डीयू में आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग के लिए कुल 25 फीसदी सीटों में डीयू के पाठ्यक्रमों में बढ़ोत्तरी होगी. 
  • जिसमें से 10 फीसदी सीटों की बढ़ोत्तरी पिछले सेशन में कर दी गई है.

नई दिल्ली:

दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University-DU) प्रशासन की एडमिशन ब्रांच की तरफ से बीते एक महीने में सेशन 2020-21 के दाखिले की प्रक्रिया की तैयारी के लिए विभिन्न बैठकों का आयोजन किया गया. डीयू प्रशासन ने उम्मीद जताई है कि अप्रैल से इस वर्ष दाखिले की प्रक्रिया शुरू होने की संभावना है. इस महीने से दाखिले के लिए डीयू की वेबसाइट में पंजीकरण की व्यवस्था शुरू करने की तैयारी की जा रही है. डीयू प्रशासन इस वर्ष जल्द डीयू के दाखिले के लिए आवेदन शुरू करेगा. पिछले साल सरकार की तरफ से शिक्षण संस्थानों में 10 फीसदी आर्थिक आरक्षण लागू किया गया था. जिसे डीयू प्रशासन ने दो चरणों में बांटने का निर्णल लिया है.

इसके तहत डीयू में आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग के लिए कुल 25 फीसदी सीटों में डीयू के पाठ्यक्रमों में बढ़ोत्तरी होगी. जिसमें से 10 फीसदी सीटों की बढ़ोत्तरी पिछले सेशन में कर दी गई है. बाकी 15 फीसदी सीटों की बढ़ोत्तरी इस साल यानी कि 2020-21 के सेशन में होनी है.

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डीयू प्रशासन ने प्रवेश शाखा की अधिसूचना नवंबर में जारी की थी. इससे पहले डीयू की एडमिशन प्रासेस की कमान डीयू एडमिशन काउंसिल को मिलती थी लेकिन अब एडमिशन प्रॉसेस को देखने के लिए एक अलग से समिति का निर्माण किया गया है. सूत्रों के मुताबिक,इस एडमिशन काउंसिल की जिम्मेदारी डीयू के शिक्षा विभाग के प्रॉफेसर पंकज अरोड़ा को दी गई है. 

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दिल्ली विश्वविद्यालय में अब 71 हजार के करीब स्नातक पाठ्यक्रम में सीटें हो जाएंगी. EWS कोटा लागू होने के बाद पिछले वर्ष ईडब्ल्यूएस वर्ग के लिए स्नातक पाठ्यक्रमों में 6 हजार सीटें बढ़ीं थीं और पीजी में करीब 1200 सीटें बढ़ीं थी. इस वर्ष ईडब्ल्यूएस वर्ग के लिए करीब 9 हजार सीटें एवं पीजी के करीब 1800 सीटें बढ़ेंगी. EWS कोटे से पहले डीयू के स्नातक पाठ्यक्रम में करीब 56 हजार सीटें थीं. वहीं पीजी के पाठ्यक्रम में 12 हजार सीटें थी.