logo-image

Delhi Univerity: दाखिले में 'कॉलेज-यूनिवर्सिटी कोटा' निर्णय वापस

रजिस्ट्रार ने मांग मान लिए जाने की जानकारी देते हुए भरोसा दिलाया कि डीयू के किसी भी कॉलेज में 'सुपरन्यूमरेरी सीट्स' पर दाखिला नहीं दिया जाएगा.

Updated on: 31 Dec 2020, 08:27 AM

नई दिल्ली:

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) तथा दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के रजिस्ट्रार से मिलकर 'कॉलेज-यूनिवर्सिटी कोटा' को हटाने की मांग फिर रखी. रजिस्ट्रार ने मांग मान लिए जाने की जानकारी देते हुए भरोसा दिलाया कि डीयू के किसी भी कॉलेज में 'सुपरन्यूमरेरी सीट्स' पर दाखिला नहीं दिया जाएगा. अभाविप तथा दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के प्रतिनिधिमंडल को दिल्ली विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार ने बताया कि विश्वविद्यालय की मामले से संबंधित कमेटी द्वारा 21 दिसंबर के सुपरन्यूमरेरी सीट्स संबंधी निर्णय को वापस ले लिया गया है.

'कॉलेज-यूनिवर्सिटी सीट्स' संबंधी निर्णय को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने वापस लिए जाने की मांग को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय में 23 दिसंबर को प्रदर्शन किया था. अभाविप ने निर्णय वापस लेने के लिए 30 दिसंबर तक का अल्टीमेटम दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन को दिया था. अभाविप दिल्ली प्रदेश मंत्री सिद्धार्थ यादव ने कहा, 'अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद दिल्ली विश्वविद्यालय में किसी भी भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाले निर्णय के खिलाफ लड़ती रहेगी. बुधवार को डीयू के रजिस्ट्रार ने 21 दिसंबर की अधिसूचना द्वारा कॉलेज-यूनिवर्सिटी श्रेणी के माध्यम से 5 सीटों पर प्राचार्यो को दाखिले संबंधी निर्णय लेने का अधिकार देने संबंधी निर्णय वापस लिए जाने की बात से अवगत कराया.'

प्रतिनिधिमंडल को दिल्ली विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार ने बताया कि उक्त निर्णय लिखित रूप से एक-दो दिन में दिल्ली यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर पोस्ट कर दिया जाएगा. अभाविप ने कहा कि विश्वविद्यालय में केवल मेरिट के आधार पर ही छात्रों को प्रवेश दिया जाना चाहिए, प्रवेश सहित विभिन्न अकादमिक गतिविधियों में पारदर्शिता को ध्यान में रखा जाना डीयू प्रशासन की प्राथमिकता में होना चाहिए. डीयू रजिस्ट्रार से मिले प्रतिनिधिमंडल में अभाविप दिल्ली के प्रदेश मंत्री सिद्धार्थ यादव, अभाविप डीयू इकाई के मंत्री रोहित शर्मा, डूसू अध्यक्ष अक्षित दहिया, डूसू उपाध्यक्ष प्रदीप तंवर तथा डूसू सह सचिव शिवांगी खरवाल आदि शामिल रहे.