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हम भी एक्शन ले सकते हैं..., UGC के नोटिस पर पाकिस्तान की गीदड़ भभकी

पाकिस्तान (Pakistan) के विदेश मंत्रालय के बयान के मुताबिक उसने सार्वजनिक नोटिस के बारे में भारत सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है.

Updated on: 26 Apr 2022, 01:21 PM

highlights

  • पाकिस्तान का दावा है कि उसने भारत से स्पष्टीकरण की मांग की है
  • पाकिस्तान के विदेश कार्यालय (FOP) ने सोमवार को अफसोस जताया
  • 2019 में UGC ने PoK को लेकर ऐसी ही एक सार्वजनिक सलाह दी थी  

New Delhi:

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) की ओर से बीते दिनों जारी साझा नोटिस पर पाकिस्तान ने सोमवार को गीदड़ भभकी दी. UGC और AICTE ने शुक्रवार को भारतीय छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए पाकिस्तान का चयन नहीं करने की सलाह दी थी. साथ ही वहां के किसी कॉलेज या शिक्षण संस्थान में प्रवेश नहीं लेने की अपील की थी. इसके मुताबिक पाकिस्तान के किसी डिग्री कॉलेज या शिक्षण संस्थान में प्रवेश चाह रहे किसी भारतीय नागरिक या प्रवासी भारतीय नागरिक को पाकिस्तान की किसी भी शैक्षणिक योग्यता के आधार पर भारत में रोजगार मांगने या उच्च शिक्षा प्राप्त करने की पात्रता नहीं होगी.

पाकिस्तान का दावा है कि इस मामले में उसने भारत से स्पष्टीकरण की मांग की है. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के बयान के मुताबिक उसने सार्वजनिक नोटिस के बारे में भारत सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है. बयान में इस नोटिस या अपील को ‘खुल्लम खुल्ला भेदभाव वाला’ कदम करार देते हुए कहा गया है कि इसके जवाब में पाकिस्तान उचित कार्रवाई करने का अधिकार सुरक्षित रखता है. बयान में कहा गया कि भारत में पाकिस्तानी डिग्री वालों को रोजगार नहीं मिलने की चेतावनी दिया जाना सही नहीं है.

पाकिस्तान फोबिया को बताया वजह

पाकिस्तान के विदेश कार्यालय (FOP) ने सोमवार को कहा कि अफसोस की बात है कि पाकिस्तान फोबिया की वजह से भारत सरकार सार्वजनिक रूप से छात्रों पर अपनी पसंद की और उच्च शिक्षा हासिल करने से रोकने के लिए दबाव डाल रही है. हमने कथित सार्वजनिक नोटिस के संदर्भ में भारत की सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है. लाहौर में पंजाब यूनिवर्सिटी के एक अधिकारी ने कहा कि वे पता लगा रहे हैं कि क्या वहां भारतीय कोई छात्र पढ़ता है या नहीं.

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2019 में हुई थी PoK में पढ़ने की मनाही

पाकिस्तान के उच्चायोग के एक अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर  कहा कि उनकं यहां कुछ विश्वविद्यालयों में कश्मीर के छात्र पढ़ रहे हो सकते हैं, लेकिन हमारे पास कोई ठोस आंकड़ा उपलब्ध नहीं है. इससे पहले साल 2019 में भी UGC ने ऐसी ही एक सार्वजनिक सलाह दी थी. तब उसने भारतीय छात्रों से पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) के संस्थानों में पढ़ाई नहीं करने के लिए कहा था.