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यूजीसी के इस फैसले को आदित्‍य ठाकरे ने सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती

शिवसेना की युवा शाखा ‘युवा सेना’ ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कोविड-19 के मद्देनजर देश भर के विश्वविद्यालयों की अंतिम वर्ष की परीक्षा रद्द किये जाने का अनुरोध किया है. याचिका को स्वीकार कर लिया गया है.

Updated on: 18 Jul 2020, 05:54 PM

नई दिल्ली:

शिवसेना की युवा शाखा ‘युवा सेना’ ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कोविड-19 के मद्देनजर देश भर के विश्वविद्यालयों की अंतिम वर्ष की परीक्षा रद्द किये जाने का अनुरोध किया है. याचिका को स्वीकार कर लिया गया है. युवा सेना की मांग है कि सभी राज्यों को अपने-अपने क्षेत्रों के मौजूदा हालात के आधार पर उचित फैसला लेने का अधिकार दिया जाए. पार्टी की युवा शाखा की अध्यक्षता आदित्य ठाकरे (Aditya Thackeray) करते हैं, जिनके पास महाराष्ट्र में शिवसेना के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार में पर्यावरण एवं पर्यटन मंत्रालय का भी जिम्मा है. प्रदेश सरकार पहले ही सभी व्यावसायिक और गैर व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में अंतिम वर्ष- अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा रद्द कर चुकी है.

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याचिका के पक्ष में युवा शाखा की ओर से कहा गया है कि कोविड-19 के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. कई राज्यों और शहरों में दोबारा लॉकडाउन लागू करना पड़ा है. यहां तक कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी कहा है कि लोगों की भीड़ नहीं लगनी चाहिए.” उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के अलावा सात अन्य राज्यों ने भी अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को रद्द कर दिया है.

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के राज्यों से अंतिम वर्ष की परीक्षाओं का आयोजन कराने संबंधी एक परिपत्र के संदर्भ में सरदेसाई ने कहा कि महाराष्ट्र जैसे राज्य में जहां 10 लाख छात्र हैं, वहां संक्रमण के प्रसार की आशंका को ध्यान में रखते हुए ऐसा कर पाना असंभव है. महाराष्ट्र में 17 जुलाई तक कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 2,92,589 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से अकेले मुंबई में 99,164 मामले हैं.

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सरदेसाई ने कहा कि युवा सेना को देश भर से कई छात्रों से इस मुद्दे (परीक्षाओं को रद्द कराने) को उठाने के लिये अनुरोध मिल रहा था. उन्होंने दावा किया कि एक हस्ताक्षर अभियान के दौरान परीक्षा रद्द कराने के लिये युवा सेना को दो लाख से ज्यादा हस्ताक्षर मिले.