logo-image

एबीवीपी फीस बढ़ोतरी के खिलाफ दिल्ली में करेगी आंदोलन

अभाविप दिल्ली के विभिन्न उच्च शैक्षणिक संस्थानों में फीस वृद्धि के खिलाफ आंदोलन करेगी. एवीवीपी ने शिक्षा क्षेत्र से जुड़े विभिन्न विषयों को लेकर अपना रुख स्पष्ट किया है.

Updated on: 01 Jan 2021, 11:32 AM

नई दिल्ली:

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एवीवीपी) ने आरोप लगाया है कि दिल्ली के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में हर वर्ष फीस बढ़ोतरी हो रही है. इस फीस बढ़ोतरी के कारण छात्रों के लिए उच्च शिक्षा क्षेत्र तक पहुंच बनाना बड़ी बाधा बन रही है. इस संबंध में अभाविप दिल्ली के विभिन्न उच्च शैक्षणिक संस्थानों में फीस वृद्धि के खिलाफ आंदोलन करेगी. एवीवीपी ने शिक्षा क्षेत्र से जुड़े विभिन्न विषयों को लेकर अपना रुख स्पष्ट किया है. आरएसएस समर्थक छात्र संगठन ने हाल ही में हुए अपने नागपुर अधिवेशन में पारित प्रस्तावों के विषय में भी जानकारी साझा की.

अभाविप राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी ने बताया कि हाल ही में संपन्न हुए अभाविप का 66वां राष्ट्रीय अधिवेशन विभिन्न कारणों से अभूतपूर्व रहा है. 2907 स्थानों पर एक लाख से अधिक गांव, कस्बों तथा महानगरों के शिक्षकों एवं विद्यार्थियों ने प्रत्यक्ष एवं आभासी माध्यमों से अधिवेशन में सहभागिता की. एवीवीपी ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र व युवाओं से जुड़े विषयों के साथ-साथ राष्ट्रीय महत्व से जुड़े विषयों पर राष्ट्रीयता का भाव परिलक्षित करती राष्ट्रीय शिक्षा नीति का शीघ्र क्रियान्वयन हो. इन प्रस्तावों के माध्यम से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा शिक्षा, अर्थव्यवस्था, भारतीय संस्कृति, राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों पर विचार किया गया है.

एवीवीपी ने कोरोना काल के दौरान शिक्षण संस्थानों में हुई शुल्क वृद्धि को वापस लेने तथा कमजोर वर्गो के लिए न्यायोचित शुल्क माफी, छात्रवृत्ति तथा शोधवृत्ति में आ रही अनियमितताओं को दूर करने की मांग सरकार के समक्ष रखी है. उच्च शिक्षण संस्थानों में पारंपरिक माध्यमओं से शिक्षा शुरू करने के लिए कोविड नियमों का पालन करते हुए छात्रों की चरणबद्ध तरीके से वापसी सुनिश्चित करने आदि विषयों पर चर्चा के उपरांत राष्ट्रव्यापी आंदोलन का निर्णय लिया है.

अभाविप की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी ने कहा, 'अभाविप द्वारा नागपुर अधिवेशन में पारित चार प्रस्तावों को छात्र तथा शिक्षक समुदाय से व्यापक संवाद के बाद अंतिम रूप दिया गया है. ये प्रस्ताव 21वीं सदी के तीसरे दशक की युवा पीढ़ी की आकांक्षाओं का प्रतिबिंब है, जिनके माध्यम से विविध क्षेत्रों में सुधार की व्यापक संभावनाओं पर कार्य करते हुए देश को बेहतर करने का संकल्प दिखाई पड़ता है. हम इन प्रस्तावों के माध्यम से उठाए गए मुद्दों पर गंभीरता से कार्य करेंगे.'