पढ़ाई के साथ आसानी से कर सकते हैं जॉब, घंटों में कमा सकते हैं अच्छे पैसै

विदेशों में पढ़ाई करना काफी महंगा होता है, जिस वजह से कई लोग आर्थिक दिक्कत की वजह जा नहीं पाते. लेकिन विदेशों में पढ़ाई के साथ-साथ आप पार्ट टाइम जॉब भी कर सकते हैं.

विदेशों में पढ़ाई करना काफी महंगा होता है, जिस वजह से कई लोग आर्थिक दिक्कत की वजह जा नहीं पाते. लेकिन विदेशों में पढ़ाई के साथ-साथ आप पार्ट टाइम जॉब भी कर सकते हैं.

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Priya Gupta
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भारत से विदेश जाने वाले कई स्टूडेंट्स है जो पढ़ाई करते हैं. हालांकि बाहर पढ़ाई करना काफी मुश्किल होता है, लेकिन अच्छी बात है ये है कि वहां विदेशों में पढ़ाई कर आप पार्ट करना चाहते हैं. ऐसे में स्टूडेंट वीजा पर कई देशों में वर्क परमिट के माध्यम से काम करना एक बेहतर ऑप्शन हो सकता है. पढ़ाई के साथ काम करने से न केवल खर्चों को संभालने में मदद मिलती है, बल्कि व्यावहारिक अनुभव भी मिलता है. अगर आप भी विदेश में पढ़ाई करना चाहते हैं, तो हम कुछ देशों की जानकारी दे रहे हैं जहां पढ़ाई के साथ काम करने के अवसर उपलब्ध हैं.

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वर्क परमिट क्या है?

वर्क परमिट, जिसे वर्क वीजा भी कहा जाता है, किसी देश की सरकार द्वारा जारी एक डॉक्यूमेट है, जो छात्रों को वहां काम करने की अनुमति देता है. वर्क परमिट के लिए आवेदन करने से पहले, यह जानना जरूरी है कि उस देश में अंतरराष्ट्रीय छात्रों को काम करने की अनुमति है या नहीं.

काम करने के तरीके

विदेश में पढ़ाई करते समय छात्र कई तरीकों से काम कर सकते हैं. कैंपस के अंदर और बाहर दोनों जगह काम का मौका मिल सकता है. कई विश्वविद्यालय अपने छात्रों के लिए ऑन-कैंपस नौकरियों की पेशकश करते हैं, जैसे लाइब्रेरी असिस्टेंट या कैफेटेरिया में काम करना. इसके अलावा, छात्र निर्धारित नियमों के अनुसार कैंपस के बाहर भी नौकरी कर सकते हैं. इंटर्नशिप के माध्यम से भी काम के अनुभव और कमाई का मौका मिलता है.

अमेरिका

अमेरिका में इंटरनेशनल छात्रों को पढ़ाई के दौरान हर हफ्ते 20 घंटे काम करने की अनुमति होती है, जबकि छुट्टियों के दौरान 40 घंटे तक काम किया जा सकता है. कैंपस के बाहर नौकरी करने की अनुमति एफ-1 वीजा धारकों को होती है, लेकिन इसके लिए उन्हें एक अकादमिक वर्ष की पढ़ाई पूरी करनी होती है. आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को भी काम करने की इजाजत होती है.

कनाडा

कनाडा में अंतरराष्ट्रीय छात्रों को 20 घंटे प्रति सप्ताह काम करने की अनुमति है.अगर छात्र सेमेस्टर ब्रेक पर हैं, तो वे जितने चाहें घंटे काम कर सकते हैं. कैंपस के बाहर काम करने की इजाजत केवल उन्हीं छात्रों को होती है, जिनके पास वैध स्टडी परमिट है.

ब्रिटेन

ब्रिटेन में विदेशी छात्र हर हफ्ते 20 घंटे और सेमेस्टर ब्रेक के दौरान असीमित घंटे काम कर सकते हैं. मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थान में फुल-टाइम डिग्री या उससे ऊपर के कोर्स में पढ़ने वाले छात्रों के लिए कैंपस के बाहर काम करने का ऑप्शन होता है.

ऑस्ट्रेलिया

ऑस्ट्रेलिया में विदेशी छात्रों को हर 14 दिनों में 48 घंटे काम करने की अनुमति होती है, जबकि निर्धारित ब्रेक के दौरान वे अनलिमिटेड घंटे काम कर सकते हैं. पोस्टग्रेजुएट रिसर्च छात्र मास्टर या डॉक्टरेट डिग्री शुरू करने के बाद असीमित घंटे काम कर सकते हैं.

जर्मनी

जर्मनी में भारतीय छात्रों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहा है. यहां छात्रों को हर हफ्ते 20 घंटे काम करने की अनुमति होती है, और सेमेस्टर ब्रेक के दौरान वे 40 घंटे तक काम कर सकते हैं. आमतौर पर, छात्रों को हर साल 120 दिन या 240 आधे दिन काम करने की अनुमति होती है.

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