logo-image

योगी सरकार का फैसला- यूपी के स्कूलों में इस दिन से होंगे एडमिशन

UP schools Admission : देश में कोरोना वायरस (Corona Virus) की दूसरी लहर का कहर अब धीरे-धीरे कम हो रहा है. उत्तर प्रदेश में कोरोना के केसों में कमी आई है. कोरोना काल में स्कूलों को बंद कर दिया गया था.

Updated on: 11 Aug 2021, 05:32 PM

नई दिल्ली:

UP schools Admission : देश में कोरोना वायरस (Corona Virus) की दूसरी लहर का कहर अब धीरे-धीरे कम हो रहा है. उत्तर प्रदेश में कोरोना के केसों में कमी आई है. कोरोना काल में स्कूलों को बंद कर दिया गया था, लेकिन अब कोविड केस कम होते ही उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi government) ने बुधवार को स्कूल (UP Schools) को लेकर बड़ा फैसला लिया है. उत्तर प्रदेश में अब एडमिशन की प्रक्रिया शुरू होने वाली है. सभी शिक्षण संस्थानों में 50 प्रतिशत क्षमता के साथ दो पालियों में पढ़ाई होगी.  

यह भी पढे़ं : BJP के साथ गठबंधन पर बोले ओवैसी-'नदी के दो किनारे कभी एक नहीं हो सकते...'

यूपी के जूनियर हाईस्कूलों में छात्र-छात्राओं के दाखिले 16 अगस्त से शुरू होंगे. साथ ही अब सभी सरकारी और प्राइवेट शिक्षण संस्थानों में 50 प्रतिशत क्षमता के साथ दो पालियों में विद्यार्थियों की पढ़ाई होगी. सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि स्कूल-कॉलेजों के लिए जल्द विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करें. अभिभावकों की भावनाओं और विद्यार्थियों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखें. स्कूल और कॉलेजों में विशेष टीकाकरण शिविर लगेंगे. प्राथमिक छोड़ शेष सभी शिक्षण संस्थानों में एक सितंबर से पढ़ाई होगी.

यूपी के स्कूलों में बदलाव के साथ, छात्रों के नामांकन में हुई बढ़त

उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में योगी आदित्यनाथ शासन के तहत एक महत्वपूर्ण बदलाव आया है, जिसमें ऑपरेशन कायाकल्प शुरू किया गया है. बुनियादी सुविधाओं और बुनियादी सुविधाओं के मामले में सरकारी स्कूलों ने अब निजी स्कूलों से भी बेहतर प्रदर्शन किया है, सरकारी स्कूलों में पिछले सत्र में हुए नामांकन की तुलना में एक लाख से अधिक बच्चों के नामांकन के साथ भारी वृद्धि देखी गई है.

सरकार के प्रवक्ता के अनुसार, राज्य सरकार ने 1.39 लाख प्राथमिक विद्यालयों में छात्रों के लिए बुनियादी सुविधाओं में वृद्धि की है, जिनमें अब स्मार्ट क्लासरूम, खेल के मैदान, शौचालय, पेयजल और पुस्तकालय हैं. राज्य की योगी सरकार ने शिक्षा के स्तर में सुधार लाने और विभिन्न जिलों में गरीब पृष्ठभूमि से आने वाले छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए पारंपरिक शिक्षण पद्धति को कंप्यूटर और प्रोजेक्टर के माध्यम से तकनीक आधारित शिक्षा के साथ मिला दिया है.

यह भी पढे़ं : सांसदों को सदन की पवित्रता बनाए रखने की जरूरत : लोकसभा अध्यक्ष

सभी कक्षाओं को स्मार्ट क्लास में तब्दील कर दिया गया है और आधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया है जिससे छात्रों की ग्रहणशीलता और समझ बढ़ेगी. प्रवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार प्राथमिक कक्षाओं के बच्चों को किताबें, बैग, स्टेशनरी, स्वेटर, जूते और मोजे जैसे मुफ्त संसाधन मुहैया करा रही है ताकि वे आर्थिक तंगी के कारण शिक्षा के अधिकार से वंचित न रहें.

बेसिक शिक्षा विभाग के शैक्षिक मानकों में सुधार के निरंतर प्रयासों के कारण, प्रचलित महामारी के दौरान भी, वर्तमान सत्र में 1,27,068 से अधिक छात्रों को परिषद के स्कूलों में नामांकित किया गया है. बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार सत्र 2020-21 में परिषदीय विद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या 1,83,72,932 थी जबकि वर्तमान सत्र में विद्यार्थियों की संख्या 1.85 करोड़ से अधिक हो गई है.

उत्तर प्रदेश सरकार ने ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रेरणा सारथी अभियान शुरू किया है. इसमें प्रेरणा मिशन के तहत एक शिक्षक अपने स्कूल के आसपास के इलाके या गांव के किसी नागरिक, छात्र, अभिभावक या किसी अन्य रिश्तेदार की पहचान प्रेरणा सारथी के रूप में करता है और फिर प्रेरणा सारथी शिक्षकों के साथ मिलकर अभिभावकों को जागरूक करने का काम करता है.

पिछले वर्ष की तुलना में, जहां केवल 25 से 30 प्रतिशत बच्चे ऑनलाइन कक्षाओं में भाग ले रहे थे, इस वर्ष राज्य के प्रत्येक स्कूल के 50 प्रतिशत से अधिक छात्र ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं। शिक्षक नियमित पढ़ाई सुनिश्चित करने के लिए ई-पाठशालाओं से जोड़कर बच्चों को गृहकार्य और शैक्षिक वीडियो भेज रहे हैं. इस सत्र में छात्रों को पुस्तकें उपलब्ध कराने का कार्य तेजी से किया जा रहा है ताकि उनकी पढ़ाई में बाधा न आए. स्कूल बंद होने के बावजूद छात्रों के मध्याह्न् भोजन का पैसा भी समय पर पहुंचाया जा रहा है.