आज ही के दिन भारत ने पोखरण में पहला परमाणु बम परीक्षण किया था, पढ़ें 18 मई का इतिहास
जानेंगे आज 18 मई को देश-दुनिया में क्या हुआ था, कौन सी बड़ी घटनाएं घटी थीं जिसने इतिहास (History) के पन्नों पर अपना प्रभाव छोड़ा. जानेंगे, आज के दिन जन्में खास व्यक्तियों के बारे में और बात करेंगे उनकी जो दुनिया से इस दिन विदा होकर चले गए.
नई दिल्ली:
17 मई का इतिहास (17 May 2021 Today History) - इतिहास से अच्छा शिक्षक कोई दूसरा हो नहीं सकता. इतिहास (History) सिर्फ अपने में घटनाओं को नहीं समेटे होता है बल्कि इन घटनाओं से भी आप बहुत कुछ सीख सकते हैं. इसी कड़ी में जानेंगे आज 18 मई को देश-दुनिया में क्या हुआ था, कौन सी बड़ी घटनाएं घटी थीं जिसने इतिहास (History) के पन्नों पर अपना प्रभाव छोड़ा. जानेंगे, आज के दिन जन्में खास व्यक्तियों के बारे में और बात करेंगे उनकी जो दुनिया से इस दिन विदा होकर चले गए. 1974 में 18 मई का दिन एक ऐसी अहम घटना के साथ इतिहास में दर्ज है, जिसने भारत को दुनिया के परमाणु संपन्न देशों की कतार में खड़ा कर दिया.
भारत ने आज ही के दिन राजस्थान के पोखरण में अपना पहला भूमिगत परमाणु परीक्षण किया था. इस परीक्षण को 'स्माइलिंग बुद्धा' का नाम दिया गया था. यह पहला मौका था जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य देशों के अलावा किसी और देश ने परमाणु परीक्षण करने का साहस किया. इस परीक्षण की प्रस्तावना वर्ष 1972 में लिखी गई, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री और भारत की लौह महिला इंदिरा गांधी ने भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र (बीएआरसी) का दौरा किया और वहां के वैज्ञानिकों से बातों ही बातों में उन्हें परमाणु परीक्षण के लिए संयंत्र बनाने की इजाजत दे डाली.
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आज की महत्वपूर्ण घटनाएं-
1912- पहली भारतीय फीचर लेंथ फिल्म श्री पुंडालिक रिलीज .
1933- भारत के बारहवें प्रधानमंत्री बने एच.डी. देवगौड़ा का जन्म.
1974- राजस्थान के पोखरण में अपना पहला भूमिगत परमाणु बम परीक्षण करके भारत परमाणु शक्ति संपन्न देशों की कतार में शामिल हो गया.
1991- चॉकलेट कंपनी में कैमिस्ट के तौर पर काम करने वाली 27 वर्षीय हेलेन ने ब्रिटेन की पहली अंतरिक्ष यात्री के तौर पर सोवियत सोयूज यान से उड़ान भरी. उन्हें एक पहेली का जवाब देने पर यह मौका दिया गया.
2009- श्रीलंका सरकार ने 25 साल से तमिल विद्रोहियों के साथ हो रही जंग के खत्म होने का एलान किया. सेना ने देश के उत्तरी हिस्से पर कब्जा किया और लिट्टे प्रमुख वेलुपिल्लई प्रभाकरन को मार गिराया.
1994- गाजा पट्टी क्षेत्र से अन्तिम इस्रायली सैनिक टुकड़ी हटाये जाने के साथ ही क्षेत्र पर फलिस्तीनी स्वायत्तशासी शासन पूरी तरह से लागू.
2004- इस्रायल के राफा विस्थापित कैम्प में इस्रायली सैनिकों ने 19 फलिस्तीनियों को मौत के घाट उतारा.
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