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महिला कलेक्टर ने पेश की मिसाल, बेटी को प्राइवेट स्कूल की जगह भेजा आंगनवाड़ी में

कलेक्टर शिल्पा प्रभाकर ने आंगनवाड़ी को बढ़ावा देते हुए फैसला किया है कि वो अपनी बेटी को प्राइवेट स्कूल में नहीं बल्कि आंगनवाड़ी केंद्र में पढ़ने के लिए भेजेगी.

Updated on: 10 Jan 2019, 01:45 PM

नई दिल्ली:

तमिनाडू के तिरुनेलवी जिला की कलेक्टर ने लोगों के लिए एक मिसाल पेश करते हुए अपनी बेटी को आंगनवाड़ी भेजने का फैसला किया. कलेक्टर शिल्पा प्रभाकर ने आंगनवाड़ी को बढ़ावा देते हुए फैसला किया है कि वो अपनी बेटी को प्राइवेट स्कूल में नहीं बल्कि आंगनवाड़ी केंद्र में पढ़ने के लिए भेजेगी. कलेक्टर साहिबा के इस फैसले के बाद हर तरफ उनकी वाहवाही हो रही है. बता दें कि 2009 बैच की आईएएस ऑफिसर शिल्पा प्रभाकर सतीष जिले की पहली महिला कलेक्टर हैं.

शिल्पा से जब पूछा गया कि आपको किसने प्रेरित किया कि वो अपनी बेटी को घर के पास आंगनवाड़ी केंद्र में भेजना चाहिए.? इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ही आंगनवाड़ी को प्रमोट करती है और आंगनवाड़ी विकास केंद्र होते है जो बच्चे के स्वास्थ्य का ध्यान रखते है. वो चाहती है कि उनकी बेटी समाज के हर वर्ग को जानें और पहचाने. साथ ही जल्दी तमिल भाषा भी सीखें.

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उन्होंने पीटीआई भाषा को बताया, 'हमारे आंगनवाड़ी केंद्रों में सभी सुविधाएं हैं. यह (केन्द्र) मेरे घर के बिल्कुल पास है और वह (उनकी बेटी) लोगों से मिलती है और वहीं खेलती है.' कलेक्टर शिल्पा ने कहा, 'तिरूनेलवेली में कुछ हजार आंगनवाड़ी हैं और इनमें से सभी में अच्छे शिक्षक हैं जो बच्चों की देखभाल करने में सक्षम हैं तथा हमारे पास अच्छा आधारभूत ढांचा और खेलने की सामग्री है.'