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मध्‍य प्रदेश में अभी ट्यूशन फीस ही वसूल पाएंगे स्‍कूल, CBSE ने जवाब दाखिल करने को मांगा वक्‍त

कोरोना (COVID-19) संकटकाल में भी मध्य प्रदेश के निजी स्कूलों द्वारा मनमानी फीस वसूली के मामले में जबलपुर हाईकोर्ट (Jabalpur High Court) में सुनवाई के दौरान सरकार ने कहा कि स्कूलों को फिलहाल ट्यूशन फीस वसूलने को ही कहा गया है.

Updated on: 27 Jul 2020, 04:00 PM

भोपाल :

कोरोना (COVID-19) संकटकाल में भी मध्य प्रदेश के निजी स्कूलों द्वारा मनमानी फीस वसूली के मामले में जबलपुर हाईकोर्ट (Jabalpur High Court) में सुनवाई के दौरान सरकार ने कहा कि स्कूलों को फिलहाल ट्यूशन फीस वसूलने को ही कहा गया है. दूसरी ओर, सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) ने जवाब दाखिल करने के लिए वक्‍ता मांगा तो हाईकोर्ट ने जवाब पेश करने के लिए समय देते हुए मामले पर अगली सुनवाई 10 अगस्त को नियत की है.

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इस मामले में राज्‍य सरकार ने हाईकोर्ट में पहले ही जवाब दाखिल कर दिया है. जवाब में सरकार ने कहा है कि लॉकडाउन के बाद सरकार ने दो बार आदेश जारी कर निजी स्कूलों को साफ आदेश दिया है कि वे केवल ट्यूशन फीस ही वसूल करें. हाई कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि तमाम निजी स्कूल मनमानी फीस वसूली के लिए अभिभावकों पर दबाव बना रहे हैं. जबकि स्कूलों में किसी भी तरह की एक्टिविटी भी नहीं हो रही है.

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याचिका में यह भी कहा गया है कि राज्य सरकार के केवल ट्यूशन फीस वसूलने के आदेश के बाद निजी स्कूलों ने ट्यूशन फीस बढ़ा दी है. याचिका में ऑनलाइन और डिजिटल पढ़ाई पर तत्काल रोक लगाने की मांग की गई है, क्‍योंकि WHO और तमाम विशेषज्ञ यह जाहिर कर चुके हैं कि मोबाइल से पढ़ाई बच्चों के स्वास्थ्य के लिए बेहद घातक है.