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लॉकडाउन, इंटरनेट पाबंदी के कारण प्रधानमंत्री विशेष छात्रवृत्ति योजना में देरी : AICTE

धानमंत्री विशेष छात्रवृत्ति योजना (पीएमएसएसएस) को वर्ष 2011-12 में शुरू किया गया था . यह योजना मेधा आधारित कार्यक्रम है जिसके तहत जम्मू कश्मीर के छात्रों को देशभर में स्थित कालेजों एवं अन्य शैक्षणिक संस्थाओं में दाखिला मिलता है और उनके पठन पाठन की व्

Updated on: 19 Apr 2020, 02:19 PM

दिल्ली:

अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTC) के अध्यक्ष अनिल सहस्त्रबुद्धे ने कहा है कि लॉकडाउन और इंटरनेट पर पाबंदी के कारण शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिये प्रधानमंत्री विशेष छात्रवृत्ति योजना (PMSSS) से जुड़ी गतिविधियों में देरी हो रही है और बंदी समाप्त होने के बाद यह योजना पूर्ववत जारी रहेगी . उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री विशेष छात्रवृत्ति योजना (पीएमएसएसएस) को वर्ष 2011-12 में शुरू किया गया था . यह योजना मेधा आधारित कार्यक्रम है जिसके तहत जम्मू कश्मीर के छात्रों को देशभर में स्थित कालेजों एवं अन्य शैक्षणिक संस्थाओं में दाखिला मिलता है और उनके पठन पाठन की व्यवस्था की जाती है . सहस्त्रबुद्धे ने ‘‘भाषा’’ से खास बातचीत में कहा, ‘‘ मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि यह योजना बंद नहीं हुई है. लॉकडाउन और इंटरनेट पर पाबंदी के कारण शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिये पीएमएसएसएस योजना से जुड़ी गतिविधियों में देरी हुई है .

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मेधा सूची भी अभी नहीं बनी है 

लॉकडाउन समाप्त होने के बाद यह योजना पूर्ववत जारी रहेगी . ’’ उन्होंने कहा कि अभी 12वीं कक्षा के परिणाम भी नहीं आए हैं, मेधा सूची भी अभी नहीं बनी है . इसके अलावा पोर्टल के माध्यम से दस्तावेजों की जांच भी जरूरी है . इसके बाद ही काउंसलिंग के लिये बुलाया जा सकता है . एसआईसीटीई के अध्यक्ष ने कहा कि परीक्षा परिणाम आने दें, फिर छात्र फार्म भरेंगे, दस्तावेजों की पुष्टि होगी और फिर काउंसलिंग के लिये बुलाया जायेगा . लॉकडाउन समाप्त होने पर इस योजना से जुड़ी प्रक्रियाओं को आगे बढ़ाया जायेगा . इंजीनियरिंग, फार्मेसी और मैनेजमेंट संकाय के छात्रों की प्लेसमेंट संबंधी चिंताओं के बारे में एक सवाल के जवाब में अनिल सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि यह सही है कि छात्रों में प्लेसमेंट को लेकर चिंताएं हैं, ऐसे में हमने कंपनियों से आग्रह किया है कि वे कैंपस प्लेसमेंट में चयनित छात्रों को ले लें . उन्होंने कहा कि कंपनियों की भी समस्याएं हैं.

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जल्द ही निकाला जाएगा इसका हल

उम्मीद है कि वे चयनित छात्रों को धीरे धीरे ले लेंगे . अगले 3-4 महीने में चयनित सभी छात्रों को नौकरी मिल जायेगी, ऐसी हमें उम्मीद है . हमें एक दूसरे की समस्याओं को समझते हुए, इसका हल निकालना होगा . सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि तकनीकी कॉलेजों के छात्र गर्मियों की छुट्टियों में अनिवार्य इंटर्नशिप करते हैं. हालांकि लॉकडाउन के चलते यह संभव नहीं हो पाया है क्योंकि छात्र भौतिक रूप से इसमें शामिल नहीं हो पा रहे हैं . इंटर्नशिप के जरिए छात्रों को व्यावहारिक ज्ञान हासिल करने के साथ ही उद्योग को समझने का अवसर मिलता है. इंटर्नशिप पाठ्यक्रम का हिस्सा होती है. उन्होंने कहा, ‘‘ ऐसे में वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए एआईसीटीई ने तय किया है कि अब छात्र इंटर्नशिप दिसंबर 2020 में कर पाएंगे. क्योंकि मई में लॉकडाउन समाप्त होने के बाद भी यह देखना होगा कि ज्यादा लोग एक साथ एकत्र न हों, हमें आने वाले कुछ समय सावधानी बरतनी होगी . ’’

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आईआईटी प्लेटफार्म का भी उपयोग कर सकते हैं

सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि लॉकडाउन की बढ़ी हुई अवधि के दौरान आनलाइन कक्षाएं जारी रहेंगी . सभी विश्वविद्यालय आनलाइन कक्षाएं आयोजित करें और इस संबंध में आईआईटी प्लेटफार्म का भी उपयोग कर सकते हैं . इसके अलावा नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी, स्वयं प्लेटफार्म, स्वयंप्रभा चैनलों का भी उपयोग किया जा सकता है . एआईसीटीई के अध्यक्ष ने यह भी बताया कि एआईसीटीई ने एक परिपत्र जारी करके स्पष्ट किया है कि कोई भी तकनीकी कॉलेज लॉकडाउन तक और सामान्य स्थिति बहाल होने तक छात्रों पर फीस का दबाव नहीं बनाएं . इसके साथ ही शिक्षकों का पूरा वेतन भी समय पर देने और नौकरी से नहीं निकालने को कहा गया है .