NEP: देश भर में अब पहली कक्षा में दाखिले की न्यूनतम उम्र 6 साल

शिक्षा मंत्रालय का मानना है कि पहली कक्षा में दाखिले की उम्र में समानता नहीं होने से इसका खामियाजा छात्रों को एक राज्य से दूसरे राज्य में शिफ्ट होने या प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने पर उठाना पड़ता है.

शिक्षा मंत्रालय का मानना है कि पहली कक्षा में दाखिले की उम्र में समानता नहीं होने से इसका खामियाजा छात्रों को एक राज्य से दूसरे राज्य में शिफ्ट होने या प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने पर उठाना पड़ता है.

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Nihar Saxena
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छात्रों में एकरूपता लाने के लिए शिक्षा मंत्रालय का बड़ा कदम.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत देश भर के स्कूलों में फर्स्ट क्लास में एडमिशन (Admission) की उम्र में समानता लाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया गया है. इसके तहत अब देश भर के स्कूलों (Schools) में पहली कक्षा में प्रवेश करने के लिए बच्चे का कम से कम छह साल का होना जरूरी हो जाएगा. गौरतलब है कि केंद्रीय स्कूलों में फर्स्ट क्लास में एडमिशन की न्यूनतम उम्र पहले से ही छह साल रखी गई है. अब इसे राज्य स्तर पर लागू किया जा रहा है. इस बाबत केंद्र सरकार की ओर से सभी राज्यों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं. इनके साथ कहा गया है कि आने वाले दो-तीन साल में कक्षा एक में प्रवेश के लिए न्यूनतम उम्र की व्यवस्था को अमल में ले आया जाए.

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अभी इतने राज्यों और यूटी में लागू है यह उम्र 
प्राप्त जानकारी के मुताबिक शिक्षा मंत्रालय ने यह कदम नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में की गई सिफारिश के बाद उठाया है. इसके तहत स्कूली शिक्षा के ढांचे को पूरी तरह से बदल दिया गया है. इसमें पहली कक्षा में दाखिले की उम्र छह साल तय की गई है. यह अलग बात है कि अभी भी बिहार, उत्तर प्रदेश सहित करीब 22 ऐसे राज्य और केंद्र शासित प्रदेश हैं, जहां फर्स्ट क्लास में एडमिशन की कम से कम उम्र छह साल है. दूसरी ओर गुजरात, दिल्ली और केरल जैसे करीब 14 ऐसे राज्य और केंद्र शासित प्रदेश भी हैं, जहां पहली कक्षा में दाखिले की न्यूनतम उम्र पांच साल या साढ़े पांच साल है.

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अब इस व्यवस्था को देश भर में लागू करने की तैयारी
शिक्षा मंत्रालय का मानना है कि पहली कक्षा में दाखिले की उम्र में समानता नहीं होने से इसका खामियाजा छात्रों को एक राज्य से दूसरे राज्य में शिफ्ट होने या प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने पर उठाना पड़ता है. इसके अलावा सभी राज्यों में पहली कक्षा में दाखिले की अलग-अलग उम्र होने से आयुवर्ग के आधार पर नामांकन के जुटाए जाने वाले ब्योरे में भी गलती रहती है. इससे राज्यों और राष्ट्रीय स्तर पर शुद्ध नामांकन अनुपात पर परोक्ष प्रभाव पड़ता है. फिलहाल बिहार, उत्तर प्रदेश, बंगाल, त्रिपुरा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, तमिलनाडु, सिक्किम, मिजोरम, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, ओडिशा, नगालैंड, चंडीगढ़, लक्षद्वीप, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह, दादरा और नगर हवेली में पहली कक्षा में दाखिले की न्यूनतम उम्र 6 साल ही है. 

HIGHLIGHTS

  • नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत की गई सिफारिश को माना गया
  • फिलहाल 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में लागू है यह व्यवस्था
  • सबसे पहले केंद्रीय विद्यालयों में लागू की गई थी यह उम्र सीमा
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