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दिल्ली में स्कूल खुलने के बाद शिक्षा निदेशालय ने जारी किये नए नियम, इन बातों का ध्यान रखना होगा बेहद जरूरी

दूसरे राज्यों में स्कूल खुलने के बाद अब दिल्ली में भी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों में बच्चों को बुलाने की अनुमति दी गई है. यह अनुमति दाखिले, काउंसलिंग और प्रैक्टिकल गतिविधियों के लिए बच्चों को स्कूल बुलाने के लिए दी गई है.

Updated on: 10 Aug 2021, 11:18 AM

highlights

  • शिक्षा निदेशालय ने जारी की एसओपी
  • कोविड-19 प्रोटोकॉल का सख्ती से करना होगा पालन

नई दिल्ली :

दिल्ली में कोरोना महामारी के कारण फरवरी 2021 में बंद हुए स्कूल दसवीं व बारहवीं के विद्यार्थियों के लिए सोमवार को खुल गए हैं. दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (disaster management authority) की तरफ से दसवीं-बारहवीं के विद्यार्थियों को दाखिले (Admission), काउंसलिंग (Counseling) और प्रैक्टिकल गतिविधियों (Practical activities) के लिए स्कूल बुलाने की अनुमति दी गई है. स्कूल पेरेंट्स की लिखित सहमति से ही बच्चों को स्कूल बुला सकते हैं. शिक्षा निदेशालय (Directorate of Education) ने सोमवार को इस संबंध में एसओपी जारी कर दी है. बच्चों को बुलाने के लिए इन एसओपी का स्कूलों को पालन करना होगा. 

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बता दें कि, दूसरे राज्यों में स्कूल खुलने के बाद अब दिल्ली में सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों में बच्चों को बुलाने की अनुमति दे दी गई है. किसी स्वास्थय सेवा संबंधित मामले के लिए स्कूल जाने पर बच्चों को अपने पेरेंट्स के साथ जाना होगा. ऑनलाइन कक्षाएं पहले की तरह चलती रहेंगी. जो अपनी प्रैक्टिकल कक्षाएं ऑनलाइन जारी रखना चाहते हैं उन्हें इसकी मंजूरी होगी. 

स्कूलों में पहले से चल रही स्वास्थय सेवाएं पहले की तरह चलती रहेंगी. इनके लिए हर ऐज के बच्चों को अपने पेरेंट्स के साथ जाना होगा. क्लासरुम और लैब की क्षमता के हिसाब से स्कूल प्रमुखों को कोविड-19 प्रोटोकॉल के हिसाब से शेड्यूल बनाना होगा. इस दौरान सामाजिक दूरी का पालन करना व मास्क लगाना अनिवार्य है. School heads को ये कन्फर्म करना कि होगा सभी शिक्षकों व कर्मचारियों का वैक्सीनेशन हो. इस संबंध में निदेशालय ने बीते माह भी दिशा-निर्देश जारी किए थे.  

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एसओपी में कही गई बातें
- स्कूल परिसर में कोरोना संक्रमण के लक्ष्ण वाले किसी बच्चे या स्टॉफ को आने की इजाजत नहीं होगी.
- स्कूल के एंट्री गेट पर ही थर्मल स्क्रीनिंग जरूरी होगी.
- स्कूल के गेट, कक्षाओं, प्रयोगशालाओं (laboratories) और टॉयलेट्स वाली जगहों पर हाथ सेनिटाइज करने की व्यवस्था करना अनिवार्य है.
- केवल कंटेनमेंट जोन के बाहर के स्कूल ही बच्चों को बुलाया जा सकता है.
- कंटेनमेंट जोन में रहने वाले विद्यार्थी, शिक्षक, कर्मचारी स्कूल नहीं आ सकेंगे.
- कक्षाओं व प्रयोगशालाओं में इस तरह से व्यवस्था करनी होगी कि कोविड-19 के दिशा-निर्देश ना टूटें.
- स्कूल स्टॉफ को टाइम टेबल के हिसाब से बुलाया जा सकता है.

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- बच्चों के एक ग्रुप के स्कूल से निकलने के बाद दूसरे ग्रुप के आने के बीच एक घंटे का अंतराल जरूरी है. 
- विद्यार्थियों को बताया जाए कि वह किताबें, कॉपी और स्टेशनरी व अन्य वस्तुओ को साझा ना करें.
- स्कूल के गेट पर भीड़ ना हो इसका ध्यान रखा जाए, सामाजिक दूरी का पालन करवाया जाए.  
- बच्चों को गाइड किया जाए कि वह अन्य बच्चों से कॉपी, बुक, व स्टेशनरी व अन्य सामान साझा ना करें.
- इमरजेंसी के लिए स्कूल में क्वांरटीन रूम की सुविधा होनी चाहिए. 
- स्कूल में नियमित guest visits को discourage किया जाना चाहिए. 
- इमरजेंसी के दौरान ही कोविड प्रोटोकॉल के साथ माता-पिता को आने की अनुमति दी जा सकती है.
- आने-जाने के लिए अलग अलग जगह तय की जाए. 
- सभी प्रमुख स्थानों जैसे क्लास रूम, वॉशरूम, पार्किंग, प्रवेश और निकास आदि पर दिशा निर्देश वाले पोस्टर लगाए जाएं.