New Update
/newsnation/media/post_attachments/images/2023/11/16/books-58.jpg)
Books( Photo Credit : Social Media)
0
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
NCERT Social Science Syllabus: एनसीईआरटी की कक्षा 6 से लेकर 12वीं तक के समाजिक विषय के पाठ्यक्रम में बदलाव करने जा रही है.
Books( Photo Credit : Social Media)
NCERT Social Science Syllabus: नई शिक्षा नीति के लागू होने के बाद एनसीईआरटी की किताबों में लगातार बदलाव किया जा रहा है. अब राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) कक्षा 6 नसे लेकर कक्षा 12वीं तक के सामाजिक विज्ञान के सिलेबस में बदलाव करने जा रहा है. इसके लिए परिषद ने 35 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. ये कमेटी राजनीति विज्ञान, समाजशास्त्र, मनोविज्ञान, भूगोल और इतिहास जैसे विषयों पर शिक्षण और सीखने की सामग्री व पाठ्यक्रम सामग्री तैयार करने का काम करेगी.
ये भी पढ़ें: PM मोदी ने बच्चों के साथ की मस्ती, कभी लड़ाया सिर तो कभी माथे पर चिपकाया सिक्का
बता दें कि 19 सदस्यों वाले एनएसटीसी को कक्षा 6 से 12वीं तक के लिए पाठ्यक्रम, पाठ्यपुस्तकें और शिक्षण सामग्री तैयार करने के लिए जुलाई में सूचित किया गया था. जिसमें सामाजिक विज्ञान के लिए नव स्थापित पाठ्यचर्या क्षेत्र समूह (सीएजी) की अध्यक्षता आईआईटी-गांधीनगर के विजिटिंग प्रोफेसर मिशेल डैनिनो को दी गई है. बता दें कि एनएसटीसी में विभिन्न विषयों में न्यूनतम 11 पाठ्यचर्या क्षेत्र समूह निर्धारित किए गए हैं. ये सीएजी सामाजिक विज्ञान, भारतीय ज्ञान प्रणाली (IKS) और नई शिक्षाशास्त्र और शिक्षण सामग्री के लिए पहले से गठिक हो चुके हैं.
ये भी पढ़ें: Alyssa Healy: विराट कोहली की फैन बनी ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर की वाइफ, कहा- मैं लकी हूं जो ये देख पाई
एनसीईआरटी समिति पहले से विकसित एनसीएफ से ली गई पाठ्यपुस्तक सामग्री को अंतिम रूप देने में लगी हुई है. गौरतलब है कि एनसीईआरटी एनईपी 2020 (नई शिक्षा नीति 2020) के अनुरूप पाठ्यक्रम को भी संशोधित कर रहा है. एनएसटीसी और एनसीईआरटी को पाठ्यक्रम जमा करने के लिए 25 नवंबर 2023 तक का समय दिया गया है. यानी 25 नवबंर तक समित विषयवार सिलेबर को उपलब्ध करा देगी. वहीं एनसीईआरटी अधिसूचना में कहा गया है कि ग्रेड 3-5 के साथ निरंतरता, विषयों में अंतर-अनुशासनात्मकता और सामाजिक विज्ञान में क्रॉस-कटिंग विषयों को शामिल करने की गारंटी देने के लिए यह समूह जरूरत पड़ने पर मदद करेगा.
ये भी पढ़ें: Rajasthan Election 2023: बीजेपी ने जयपुर में जारी किया संकल्प पत्र, नड्डा बोले- जनता को मिलेंगी विशेष सुविधाएं
पहले भी किताबों में बदलाव कर चुकी है एनसीईआरटी
बता दें कि ये कोई पहला मौका नहीं है जब एनसीईआरटी किसी विषय के सिलेबर में बदलाव कर रही हो. इससे पहले राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद ने एनसीईआरटी की किताबों से इंडिया शब्द को हटाकर 'भारत' करने के फैसला लिया था. यही नहीं 2022 में भी एनसीईआरटी ने सिलेबस में 33 फीसदी हिस्से को हटा दिया था. जिसे एनसीईआरटी ने सिलेबस रेशनलाइजेशन बताया था. जिसके तहत गुजरात दंगे, मुगल कोर्ट, इमरजेंसी, कोल्ड वॉर, नक्सली आंदोलन जैसे विषयों को सिलेबस से हटा दिया गया था.
यही नहीं एनसीईआरटी ने नेशनल क्यूरीकुलम फ्रेमवर्क को भी कई बार रिवाइज किया. ये बदलाव साल 1975, 1988, 2000 और 2005 में किए गए थे. एनसीईआरटी का कहना था कि जो हिस्से उन्होंने हटाए वे नई एजुकेशन पॉलिसी के साथ एलाइन होने के लिए हटाए हैं. पुराने हिस्से हटाकर नये हिस्से जोड़े गए, जिनमें जीएसटी, डिजिटल इंडिया, स्वच्छ भारत, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ आदि जैसे शब्द शामिल थे.
HIGHLIGHTS
Source : News Nation Bureau