यूपी में नए सत्र से मदरसा बोर्ड के छात्र मोबाइल एप पर करेंगे पढ़ाई
बोर्ड के सदस्य जिरगामुददीन ने बताया, '' प्रदेश में 558 अनुदानित मदरसे और करीब 17 हजार निजी मदरसे संचालित हो रहे हैं. इसमें करीब ढ़ाई लाख से अधिक छात्र पढ़ रहे हैं. सरकार लगातार मदरसा छात्रों को बेहतर शिक्षा मुहैया कराने के प्रयास कर रही है.
highlights
- बोर्ड परीक्षाफल घोषित होने के बाद मोबाइल एप तैयार कराने का काम किया जाएगा
- सरकार लगातार मदरसा छात्रों को बेहतर शिक्षा मुहैया कराने के प्रयास कर रही है
उत्तर प्रदेश:
यूपी में मदरसों के आधुनिकीकरण को लेकर बोर्ड एक और बड़ा कदम उठाने जा रहा है. प्रदेश सरकार इसमें पढ़ने वाले ढ़ाई लाख से अधिक छात्रों को बड़ी राहत देने की तैयारी में हैं. नए सत्र से मदरसा बोर्ड के छात्र भी मोबाइल एप के जरिए पढ़ाई कर सकेंगे. मदरसा बोर्ड के सदस्य जिरगामुददीन ने बताया कि मोबाइल एप तैयार करने का प्रस्ताव बोर्ड को भेज दिया गया है. बोर्ड परीक्षाफल घोषित होने के बाद मोबाइल एप तैयार कराने का काम किया जाएगा. उन्होंने बताया कि बोर्ड पूरी कोशिश करेगा कि नए सत्र से छात्र मोबाइल एप पर अपनी पढ़ाई कर सके. बोर्ड के सदस्य जिरगामुददीन ने बताया, '' प्रदेश में 558 अनुदानित मदरसे और करीब 17 हजार निजी मदरसे संचालित हो रहे हैं. इसमें करीब ढ़ाई लाख से अधिक छात्र पढ़ रहे हैं. सरकार लगातार मदरसा छात्रों को बेहतर शिक्षा मुहैया कराने के प्रयास कर रही है. इसी वजह से इस सत्र में मदरसों में ऑनलाइन शिक्षा दिए जाने का काम शुरू किया गया है. इसके लिए मदरसा शिक्षको को ऑनलाइन ही मदरसा बोर्ड की निगरानी में प्रशिक्षित कराया जा रहा है. ट्रेनिंग प्रोग्राम में कई एक्सपर्ट भी शामिल किए गए हैं. शिक्षकों को ऑनलाइन शिक्षा को प्रभावी कैसे बनाया जाए, इन बातों को बताया जा रहा है.''
यह भी पढ़ेः शिक्षा विभाग ने तय किया 10 वीं और 12 वीं बोर्ड परिणाम का फॉर्मूला, जानें कब होगा जारी
जिरगामुददीन ने बताया कि मोबाइल एप को बनवाकर इसी सत्र से बच्चों की पढ़ाई कराई जाना थी, लेकिन कोविड संक्रमण के चलते अब छात्र नए सत्र से मोबाइल एप पर पढ़ाई कर सकेंगे. उत्तर प्रदेश राज्य भाषा समिति के सदस्य दानिश आजाद बताते हैं, ''मदरसा बोर्ड के सहयोग से शिक्षकों को ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है. पहले चरण में 15 दिन का ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाया गया था. इसमें आईआईटी, आईआईएम व विभिन्न विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने एक हजार से अधिक मदरसा शिक्षकों को ऑनलाइन पढ़ाई कैसे कराई जाए , इसकी ट्रेनिंग दी गई है. दूसरे चरण मे शेष शिक्षकों को ट्रेनिंग देने का काम किया जाएगा.''
यह भी पढ़ेः CBSE-ICSE बोर्डः 12वीं परीक्षा में अंक देने की स्कीम को सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी
यूपी भाषा समिति के सदस्य दानिश आजाद बताते हैं, ''प्रदेश में 558 अनुदानित मदरसे और करीब 17 हजार निजी मदरसे संचालित हो रहे हैं. मदरसा छात्रों का राहत देने के लिए उनका सिलेबस कम किया गया. पहले छात्रों को 12 से 15 किताबों से पढ़ाई करना पड़ती थी लेकिन सिलेबस कम हो गया है, सिर्फ 7 से 8 किताबों को लागू किया गया. जो पेपर लम्बे-लम्बे आते थे, उनको सेक्शन में बांट कर छोटा किया गया. इससे छात्रों को काफी सहूलियत हुई है.'' चार सालों में प्रदेश सरकार ने मदरसों की तस्वीर बदलने का काम किया है. मदरसा छात्रों को बेहतर शिक्षा दिलाने के लिए मदरसों में एनसीईआरटी के सिलेबस को लागू किया गया, ताकि मदरसा छात्र दीनी तालीम के साथ आधुनिक शिक्षा हासिल कर समाज की मुख्य धारा से जुड़ सकें. चार सालों में मदरसा बोर्ड की परीक्षाओं को नियमित किया गया. सरकार ने नई व्यवस्था के तहत जमीन पर बैठ कर परीक्षा देने वाले छात्रों को कुर्सी मेज मुहैया कराई. मदरसों के आधुनिकीकरण के लिए इस वित्तीय बजट में 479 करोड़ रुपए का प्रस्ताव रखा गया है. जो पिछली सरकारों से कई गुना अधिक है.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Aaj Ka Panchang 26 April 2024: क्या है 26 अप्रैल 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय
-
Eye Twitching: अगर आंख का ये हिस्सा फड़क रहा है तो जरूर मिलेगा आर्थिक लाभ
-
Guru Gochar 2024: 1 मई के बाद इन 4 राशियों की चमकेगी किस्मत, पैसों से बृहस्पति देव भर देंगे इनकी झोली
-
Mulank 8 Numerology 2024: क्या आपका मूलांक 8 है? जानें मई के महीने में कैसा रहेगा आपका करियर