‘हर घर तिरंगा’अभियान शुरू, सभी संस्थानों में फहराया जाएगा तिरंगा
‘हर घर तिरंगा’अभियान शुरू, सभी संस्थानों में फहराया जाएगा तिरंगा
highlights
- 15 अगस्त से ‘हर घर तिरंगा’अभियान शुरू
- सभी संस्थानों में फहराया जाएगा तिरंगा
- राष्ट्रीय ध्वज के बारे में मिलेगा बढ़ावा
नई दिल्ली:
बचपन में 15 अगस्त और 26 जनवरी जैसे राष्ट्रीय त्योहारों पर खूब तिरंगा झंडा फहराया होगा. लेकिन इस बार जब आजादी के 75 वर्ष पूरे होने का जश्न मनाया जा रहा है, तो केंद्र सरकार इस जश्न को हर घर से जोड़ने जा रही है. इसके लिए स्वतंत्रता दिवस यानि 15 अगस्त से ‘हर घर तिरंगा’ अभियान शुरू करने का फैसला किया गया है. दरअसल, देश में पिछले एक साल से आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर जश्न मनाया जा रहा है, जिसे हम आजादी का अमृत महोत्सव के रूप में मना रहे हैं. स्कूल, कॉलेज और गांव की पंचायत से लेकर तमाम कंपनियां, सरकारी कार्यालय और विदेशों में स्थित भारतीय दूतावास में अलग-अलग तरह से जश्न मनाया जा रहा है. वही इस बारे में संस्कृति मंत्रालय ने बताया कि आजादी का अमृत महोत्सव के तहत सभी प्रयासों की देखरेख करने वाले गृह मंत्री ने हमारे ध्वज को और सम्मानित करने के लिए ‘हर घर तिरंगा’ के कार्यक्रम को मंजूरी दे दी है. यह हर जगह भारतीयों को अपने घर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए प्रेरित करने की परिकल्पना करता है.
केरल में केंद्र सरकार की 'हर घर में तिरंगा' पहल के तहत, स्कूलों के सभी छात्रों, शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों से 13 से 15 अगस्त तक अपने घरों में राष्ट्रीय ध्वज फहराने का आग्रह किया गया है. राज्य सामान्य शिक्षा विभाग ने केंद्रीय सांस्कृतिक कार्य विभाग के निर्देश के अनुसार एक परिपत्र जारी किया है. झंडे स्कूलों में कपड़े का उपयोग करके बनाए जा सकते हैं औऱ बताया गया है कि उनकी लंबाई और चौड़ाई 3:2 के अनुपात में होनी चाहिए. जैसा कि ध्वज संहिता में संशोधन किया गया है, पॉलिएस्टर कपड़े का उपयोग झंडे बनाने के लिए भी किया जा सकता है और इसे सिलाई मशीन पर सिल दिया जा सकता है.
स्कूलों में, अभिभावक-शिक्षक संघ के सहयोग से या राष्ट्रीय सेवा योजना, राष्ट्रीय कैडेट कोर, स्काउट और गाइड, छात्र-पुलिस कैडेट और अन्य स्कूल क्लबों के सहयोग से झंडे बनाए जा सकते हैं. पॉलिएस्टर मिश्रण और सूती कपड़े में कुडुम्बश्री इकाइयों द्वारा बनाए गए झंडों की कीमत आकार के आधार पर 20 रुपये, 25 रुपये, 30 रुपये और 40 रुपये है. जरूरत पड़ने पर जेम पोर्टल के जरिए झंडे बेचने की संभावना पर भी विचार किया जा सकता है.
इस अभियान को लेकर सर्कुलर चुप है कि इसके लिए लागत कौन वहन करेगा. केरल राज्य ने कुडुम्बश्री, पड़ोस सामुदायिक संगठन, को झंडा बनाने का काम सौंपा है, क्योंकि राज्य में उनकी 4,000 से अधिक सिलाई इकाइयाँ हैं.स्वतंत्रता की प्लेटिनम जयंती, जो इस वर्ष 15 अगस्त को पड़ती है, आजादी का अमृत महोत्सव नामक 75-सप्ताह के भव्य अभियान के तहत मनाई जा रही है.
हर घर तिरंगा पहल का उद्देश्य है स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष में एक राष्ट्र के रूप में ध्वज को अगर सभी अपने-अपने घर लाएंगे, तो न केवल तिरंगे से व्यक्तिगत संबंध का प्रतीक बनेगा, बल्कि राष्ट्र-निर्माण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का भी प्रतीक बनेगा. इससे लोगों के दिलों में देशभक्ति की भावना जगेगी और अपने राष्ट्रीय ध्वज के बारे में जागरूकता को बढ़ावा मिलेगा. इसलिए 11-17 अगस्त तक सभी नागरिकों स्वतंत्रता सप्ताह के दौरान अपने घरों में तिरंगा फहराने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.
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