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आखिर 26 नवंबर को ही संविधान दिवस क्यों मनाया जाता है, जानें इसकी वजह

भारत में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस (onstitution Day) मनाया जाता है. इस दिन संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को याद किया जाता है. यूजीसी ने आदेश दिया है कि 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाए.

Updated on: 26 Nov 2019, 12:26 PM

नई दिल्ली:

भारत में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस (onstitution Day) मनाया जाता है. इस दिन संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को याद किया जाता है. यूजीसी ने आदेश दिया है कि 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाए. भारतीय संविधान बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर ने लिखा था. भारतीय संविधान के रूप में इन्होंने दुनिया का सबसे बड़ा संविधान तैयार किया.

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दुनिया के कई देशों के संविधान की स्टडी के बाद बाबा साहेब ने भारत का संविधान लिखा. भारतीय संविधान में 448 अनुच्छेद, 12 अनुसूचियां शामिल हैं. भारतीय संविधान को तैयार करने में 2 साल 11 महीने और 17 दिन का वक्त लगा. 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान सभा की तरफ से इसे अपनाया गया.

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26 नवंबर 1950 को इसे लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली के साथ लागू किया गया. इसी कारण से हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है. संविधान को तैयार करने के लिए 29 अगस्त 1047 को भारत के संविधान का मसौदा तैयार करने वाली समिति की स्थापना की गी थी.

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संविधान का मसौदा तैयार करने वाली समिति हिंदी और अंग्रेजी दोनों में ही हस्तलिखित और कैलीग्राफ्ड थीं. संविधान में किसी भी तरह की टायपिंग या प्रिंटिंग का इस्तेमाल नहीं हुआ था.