आंध्र के कॉरपोरेट कॉलेजों को 15 अगस्त, 26 जनवरी से परहेज क्यों?
आंध्र प्रदेश में कई कॉरपोरेट जूनियर कॉलेज ऐसे हैं जिन्हें इन महत्वपूर्ण राष्ट्रीय उत्सवों से परहेज है. इन समारोहों से दूर रहना मानो उनकी एक आदत बन चुकी है. ऐसा केवल साल-दो साल से नहीं हो रहा है, अपितु ऐसा दशकों से हो रहा है.
highlights
- आंध्र के कॉरपोरेट कॉलेजों को 15 अगस्त, 26 जनवरी से परहेज क्यों?
- कई कॉरपोरेट जूनियर कॉलेज ऐसे हैं जिन्हें महत्वपूर्ण राष्ट्रीय उत्सवों से परहेज है
- हर साल 15 अगस्त और गणतंत्र दिवस को नहीं मनाया जाता
अमरावती:
स्वाधीनता दिवस के अवसर पर हर साल 15 अगस्त और गणतंत्र दिवस के मौके पर देशभर के छात्र भारतीय झंडे को सलामी देते हैं और इस दिन को हर्षोल्लास से सेलिबेट्र करते हैं. लेकिन, आंध्र प्रदेश में कई कॉरपोरेट जूनियर कॉलेज ऐसे हैं जिन्हें इन महत्वपूर्ण राष्ट्रीय उत्सवों से परहेज है. इन समारोहों से दूर रहना मानो उनकी एक आदत बन चुकी है. ऐसा केवल साल-दो साल से नहीं हो रहा है, अपितु ऐसा दशकों से हो रहा है. कुछ साल पहले नियमित रूप से कक्षाएं संचालित करने वाले ये कॉलेज अब इन महत्वपूर्ण दिनों में छुट्टियों की घोषणा कर रहे हैं. वे राष्ट्रीय ध्वज फहराने, राष्ट्रगान गाने और राष्ट्रीय महत्व के इन उत्सवों, कार्यक्रमों से छात्रों को प्रेरणा लेने से वंचित कर रहे हैं.
विद्यार्थियों के लिए स्कूलों में जहां हर वर्ष स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस समारोह उनके शैक्षणिक सत्र के दौरान एक नियमित व स्थायी अनुष्ठान हुआ करते थे, लेकिन अब उन्हें अपने दो वर्ष के महत्वपूर्ण इंटरमीडिएट कोर्स के दौरान इन अहम अवसरों पर भी गणित, भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान से संबंधित कक्षाएं करनी पड़ती हैं. ऐसा प्रतीत होता है मानो अब स्कूलों में किसी विशिष्ट अतिथि द्वारा देश के लिए बलिदान देने वालों, राष्ट्र-निर्माताओं एवं इसकी प्रेरक विरासत की महानता को रेखांकित करने वाले भाषण सुनना दूर की कौड़ी हो गई है.
स्कूलों में जीवन के विभिन्न क्षेत्रों से मुख्य अतिथि के रूप में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) या पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस), जिला न्यायाधीश या जिला कलेक्टर से देश के लिए बलिदान और संघर्षों के बारे में, संविधान की रचना के बारे में सुनना एक सामान्य बात हो सकती है. लेकिन, आंध्र प्रदेश के कॉरपोरेट इंटरमीडिएट कॉलेजों में शायद ही कभी ऐसी बात हो.
जब ये अधिकारी स्कूल परिसर में प्रवेश करते हैं और बाहर निकलते हैं, तो वे छात्रों को महान करियर के अवसरों, सेवा-माध्यमों और समाज में सम्मान पाने के हक से रू-ब-रू कराते हैं. इससे इन युवा मस्तिष्क में महत्वाकांक्षा की चिंगारी भड़कती है और वे इस महान देश, जिसका नाम भारत है, की सेवा के लिए महान बलिदानियों व हस्तियों का अनुकरण करते हैं. विडंबना यह है कि कॉरपोरेट जूनियर कॉलेजों में, जहां 15-17 वर्ष की आयु वर्ग वाले प्रतिभाशाली छात्र पढ़ते हैं, ऐसी कोई गतिविधि नहीं होती है. 2020-21 का शैक्षणिक वर्ष भी कोई अपवाद नहीं था. अधिकांश कॉलेजों ने 26 जनवरी को अपना परिसर बंद कर दिया और छात्रों के लिए छुट्टी की घोषणा कर दी.
विजयवाड़ा में स्थित श्री चैतन्य कॉलेज के प्रथम वर्ष के इंटरमीडिएट के छात्र ने कहा, "हमें 15 अगस्त, 2020 को स्वतंत्रता दिवस के लिए छुट्टी दी गई थी और हमारी ऑनलाइन कक्षाएं रद्द कर दी गई थीं. हमारे पास स्वतंत्रता दिवस के बारे में कोई कार्यक्रम नहीं था. 26 जनवरी, 2021 गणतंत्र दिवस पर भी ऐसा ही था, हमें छुट्टी दी गई थी." द्वितीय वर्ष के एक अन्य इंटरमीडिएट छात्र ने पुष्टि की कि गणतंत्र दिवस के दिन अवकाश था. दोनों राष्ट्रीय दिनों पर 2019-20 के गैर-महामारी शैक्षणिक वर्ष में भी यही बात थी.
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