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Teachers Day 2021: डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के अनमोल विचार, जो बदल देंगे आपके विचार

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे और शिक्षा को जीवन के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानते थे. शिक्षा को लेकर उनके अनमोल विचार आज भी सभी के लिए प्रेरणादायक है.

Updated on: 04 Sep 2021, 10:20 AM

highlights

  • उनके अनमोल विचार आज भी सभी के लिए प्रेरणादायक है
  • बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन
  • उनके जन्मदिन पर 5 सितंबर को मनाया जाता है टीचर्स डे

 

 

नई दिल्ली:

शिक्षा के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान के लिए 5 सितंबर को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है. राधाकृष्णन ने अपने शैक्षणिक जीवन की शुरुआत मद्रास प्रेसीडेंसी कॉलेज में दर्शन विभाग में एक संकाय सदस्य के रूप में की थी. उन्होंने अलग-अलग प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों-कलकत्ता विश्वविद्यालय, ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय और मैसूर विश्वविद्यालय में भी काम किया. उन्होंने छात्रों को हमेशा अलग-अलग तरीकों से पढ़ने के लिए प्रेरित किया. बच्चों को भविष्य बनाने में शिक्षक का ही सबसे बड़ा योगदान होता है. शिक्षक को उसके सुंदर और उज्जवल भविष्य के लिए ज्ञान देते हैं. उन्हें बताते हैं कि जीवन में उन्हें किस तरह आगे बढ़ना है और बताते हैं कि क्या अच्छा है और क्या बुरा है. एक बेहतर शिक्षा के जरिये शिक्षक अपने विद्यार्थियों को न सिर्फ बेहतर भविष्य की कामना करते हैं, बल्कि उनका हमेशा यह प्रयास रहता है कि वह जीवन में इतना तरक्की करे कि वह एक दिन उनका नाम जरूर रोशन करें. जब एक बच्चा ज्ञान प्राप्ति के बाद अपने जीवन के मार्ग में आगे बढ़ता है, तो उसे कई जीत प्राप्त होती है. अपने ज्ञान का सही इस्तेमाल करके बच्चा एक सफल और एक कामयाब इंसान बनता है. सोचिए अगर शिक्षक न होते, तो इस संसार का क्या होता, जिसकी कल्पना मात्र से ही डर लगता है.  देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के भी शिक्षा को लेकर अनेक अनमोल विचार थे. वे बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे और शिक्षा को जीवन के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानते थे. शिक्षा को लेकर उनके अनमोल विचार आज भी सभी के लिए प्रेरणादायक है. तो चलिए इस शिक्षक दिवस आपको राधाकृष्णन के कुछ अनमोल विचारों के बारे में बताते हैं, जो आपका जीवन बदलने में आपकी मदद कर सकते हैं. 

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1. केवल निर्मल मन वाला व्यक्ति ही जीवन के आध्यात्मिक अर्थ को समझ सकता है। स्वयं के साथ ईमानदारी, आध्यात्मिक अखंडता की अनिवार्यता है

2. भगवान हम में से हर एक में रहता है, महसूस करता है और पीड़ित होता है और समय के साथ हम में से प्रत्येक में उसकी विशेषताओं, ज्ञान, सौंदर्य और प्रेम का पता चलेगा

3. हमें राजनीतिक या आर्थिक बदलाव से शांति नहीं मिलती बल्कि शांति मानवीय स्वभाव में बदलाव से आ सकती है

4. शिक्षा का परिणाम एक मुक्त रचनात्मक व्यक्ति होना चाहिए जो ऐतिहासिक परिस्थितियों और प्राकृतिक आपदाओं के विरुद्ध लड़ सके

5. जिस प्रकार आत्मा किसी व्यक्ति की सचेतन शक्तियों के पीछे की वास्तविकता है, उसी प्रकार परमात्मा इस ब्रह्माण्ड की समस्त गतिविधियों के पीछे का अनंत आधार है

6. उम्र या युवावस्था का काल-क्रम से लेना-देना नहीं है। हम उतने ही नौजवान या बूढें हैं जितना हम महसूस करते हैं। हम अपने बारे में क्या सोचते हैं यही मायने रखता है

7. अपने पड़ोसी से खुद की तरह प्रेम करो क्योंकि तुम खुद अपने पड़ोसी हो। यह तुम्हारा भ्रम है जो तुम्हें ये सोचने पर विवश करता है कि तुम्हारा पड़ोसी तुम्हारे अलावा कोई और हैं

8. यदि मानव दानव बन जाता है तो ये उसकी हार है, यदि मानव महामानव बन जाता है तो ये उसका चमत्कार है. यदि मनुष्य मानव बन जाता है तो ये उसके जीत है

9. हमें मानवता को उन नैतिक जड़ों तक वापस ले जाना चाहिए जहां से अनुशासन और स्वतंत्रता दोनों का उद्गम हो

10. पुस्तकें वो साधन हैं जिनके माध्यम से हम विभिन्न संस्कृतियों के बीच पुल का निर्माण कर 
सकते हैं