जेएनयू ने दीक्षांत समारोह में 550 से अधिक छात्रों को दी पीएचडी डिग्री
जेएनयू के वाइस चांसलर प्रोफेसर जगदीश कुमार ने कहा, इस साल ऐसी घटनाओं की एक श्रृंखला सामने आई है जिसने हमें और भी अधिक विकसित किया है.
highlights
- जेएनयू को देश के विश्वविद्यालयों में ए प्लस प्लस ग्रेड हासिल
- इस वर्ष के दीक्षांत समारोह में 550 से अधिक पीएचडी डिग्री दी गईं
- केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे
नई दिल्ली:
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने 30 सितंबर को अपना दीक्षांत समारोह आयोजित किया. इस दौरान 550 से अधिक पीएचडी डिग्री इस वर्चुअल इवेंट में प्रदान की गई. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे. उन्होंने पीएचडी की डिग्री हासिल करने वाले छात्रों को बधाई दी. उन्होंने कहा, जेएनयू जैसे हमारे शैक्षणिक संस्थानों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का प्रसार करने, जनता और युवाओं को राष्ट्र निर्माण की इस प्रक्रिया में योगदान करने के लिए सशक्त बनाने में मौलिक भूमिका है. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि तीन दशकों से अधिक के अंतराल के बाद, अब हमारे पास राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 है. यह दूरदर्शी दस्तावेज उस भारत को बनाने का काम करेगा जिसका सपना हमारे पूर्वजों और महान दार्शनिकों ने देखा था.
वर्चुअल हुआ आयोजन
महामारी के कारण समारोह का आयोजन वर्चुअल मोड में किया गया था. जेएनयू के वाइस चांसलर प्रोफेसर जगदीश कुमार ने कहा, इस साल ऐसी घटनाओं की एक श्रृंखला सामने आई है जिसने हमें और भी अधिक विकसित किया है. महामारी के ऐसे समय में भी जेएनयू से इतने सारे स्नातक बने. यह ऐसा समय है जब न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया इस बीमारी से जूझ रही है. कोरोना महामारी के दौरान किए गए गुणवत्ता पूर्ण प्रयास बताते हैं कि शोधार्थियों और संकाय सदस्यों ने अपना पूरा समय काम में लगा दिया. जेएनयू को लगातार पांचवें साल एनआईआरएफ रैंकिंग में भारत के विश्वविद्यालय की सूची में दूसरे नंबर पर रखा गया है. यह सभी के लिए बड़े गर्व की बात है.
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बढ़ावा देगा नवाचार को
जेएनयू मुख्य रूप से एक शोध-उन्मुख विश्वविद्यालय है. इस वर्ष के दीक्षांत समारोह में 550 से अधिक पीएचडी डिग्री दी गईं. 11 स्कूलों 3 विशेष केंद्रों में शोध करने वाले शोधार्थियों को सम्मानित किया गया. पिछले कुछ वर्षों के दौरान नए स्कूलों और केंद्रों की स्थापना की गई है, जैसे कि स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग और अटल बिहारी वाजपेयी स्कूल ऑफ मैनेजमेंट एंड एंटरप्रेन्योरशिप, स्पेशल सेंटर ऑफ आपदा अध्ययन, राष्ट्रीय सुरक्षा अध्ययन के लिए विशेष केंद्र और पूर्वोत्तर के अध्ययन के लिए विशेष केंद्र. आने वाले वर्षों में इन केंद्रो की बदौलत पीएचडी डिग्री की संख्या में और वृद्धि होगी. यह विश्वविद्यालय में मौजूद अनुसंधान और नवाचार के माहौल को मजबूत करेगा. जेएनयू देश के विश्वविद्यालयों में ए प्लस प्लस ग्रेड हासिल करता है.
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