भाजपा चुनावों में हेराफेरी करती है, राहुल गांधी का 'मैच फिक्सिंग' बयान सही : मृत्युंजय तिवारी
महागठबंधन में सभी एकजुट, किसी के बीच कोई मतभेद नहीं : विधायक सतीश कुमार
वीरेंद्र सचदेवा ने किया झड़ौदा में स्टेडियम का शिलान्यास, कहा- देहात के बच्चों को होगा काफी फायदा
इस मुस्लिम देश के मुखिया का फरमान, हर महिला कम से कम तीन बच्चे पैदा करे
घरेलू खरीदारी में मजबूती के चलते भारतीय बाजारों में लौटे विदेशी निवेशक
कांगड़ा : अनुराग ठाकुर ने राहुल गांधी की राजनीति को बताया 'नकारात्मक'
'ब्रॉडी' के निधन से टूटे अहान और अथिया शेट्टी, कहा- 'तुम्हें अलविदा कहना बेहद मुश्किल'
Satta Matka King Result 7 June: इन लोगों को हो गई बल्ले-बल्ले, एक झटके में कमा डाले करोड़ों
'पंख' के जरिए अपनी कहानी पेश करेंगी कौशिकी, दिखेगी जिंदगी और सुरों की झलक

जेएनयू ने दीक्षांत समारोह में 550 से अधिक छात्रों को दी पीएचडी डिग्री

जेएनयू के वाइस चांसलर प्रोफेसर जगदीश कुमार ने कहा, इस साल ऐसी घटनाओं की एक श्रृंखला सामने आई है जिसने हमें और भी अधिक विकसित किया है.

author-image
Nihar Saxena
New Update
JNU

550 से अधिक पीएचडी डिग्री इस वर्चुअल इवेंट में प्रदान की गई. ( Photo Credit : न्यूज नेशन)

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने 30 सितंबर को अपना दीक्षांत समारोह आयोजित किया. इस दौरान 550 से अधिक पीएचडी डिग्री इस वर्चुअल इवेंट में प्रदान की गई. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे. उन्होंने पीएचडी की डिग्री हासिल करने वाले छात्रों को बधाई दी. उन्होंने कहा, जेएनयू जैसे हमारे शैक्षणिक संस्थानों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का प्रसार करने, जनता और युवाओं को राष्ट्र निर्माण की इस प्रक्रिया में योगदान करने के लिए सशक्त बनाने में मौलिक भूमिका है. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि तीन दशकों से अधिक के अंतराल के बाद, अब हमारे पास राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 है. यह दूरदर्शी दस्तावेज उस भारत को बनाने का काम करेगा जिसका सपना हमारे पूर्वजों और महान दार्शनिकों ने देखा था.

Advertisment

वर्चुअल हुआ आयोजन
महामारी के कारण समारोह का आयोजन वर्चुअल मोड में किया गया था. जेएनयू के वाइस चांसलर प्रोफेसर जगदीश कुमार ने कहा, इस साल ऐसी घटनाओं की एक श्रृंखला सामने आई है जिसने हमें और भी अधिक विकसित किया है. महामारी के ऐसे समय में भी जेएनयू से इतने सारे स्नातक बने. यह ऐसा समय है जब न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया इस बीमारी से जूझ रही है. कोरोना महामारी के दौरान किए गए गुणवत्ता पूर्ण प्रयास बताते हैं कि शोधार्थियों और संकाय सदस्यों ने अपना पूरा समय काम में लगा दिया. जेएनयू को लगातार पांचवें साल एनआईआरएफ रैंकिंग में भारत के विश्वविद्यालय की सूची में दूसरे नंबर पर रखा गया है. यह सभी के लिए बड़े गर्व की बात है.

यह भी पढ़ेंः  पीएम मोदी आज करेंगे स्वच्छ भारत और अटल मिशन के दूसरे चरण की शुरुआत 

बढ़ावा देगा नवाचार को
जेएनयू मुख्य रूप से एक शोध-उन्मुख विश्वविद्यालय है. इस वर्ष के दीक्षांत समारोह में 550 से अधिक पीएचडी डिग्री दी गईं. 11 स्कूलों 3 विशेष केंद्रों में शोध करने वाले शोधार्थियों को सम्मानित किया गया. पिछले कुछ वर्षों के दौरान नए स्कूलों और केंद्रों की स्थापना की गई है, जैसे कि स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग और अटल बिहारी वाजपेयी स्कूल ऑफ मैनेजमेंट एंड एंटरप्रेन्योरशिप, स्पेशल सेंटर ऑफ आपदा अध्ययन, राष्ट्रीय सुरक्षा अध्ययन के लिए विशेष केंद्र और पूर्वोत्तर के अध्ययन के लिए विशेष केंद्र. आने वाले वर्षों में इन केंद्रो की बदौलत पीएचडी डिग्री की संख्या में और वृद्धि होगी. यह विश्वविद्यालय में मौजूद अनुसंधान और नवाचार के माहौल को मजबूत करेगा. जेएनयू देश के विश्वविद्यालयों में ए प्लस प्लस ग्रेड हासिल करता है.

HIGHLIGHTS

  • जेएनयू को देश के विश्वविद्यालयों में ए प्लस प्लस ग्रेड हासिल
  • इस वर्ष के दीक्षांत समारोह में 550 से अधिक पीएचडी डिग्री दी गईं
  • केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे
PhD Degree JNU Dharmendra pradhan वर्चुअल उपाधि जेएनयू Convocation पीएचडी Virtual
      
Advertisment