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जामिया के छात्रों को डिग्रियों के खोने का डर खत्म, मिलने जा रही बड़ी सुविधा

एनएडी सेल ने सत्र 2016-17 और सत्र 2017-18 के स्नातक, स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों की सभी डिग्रियां एनएडी पोर्टल पर प्रकाशित की हैं.

Updated on: 06 Dec 2021, 07:26 AM

highlights

  • जामिया ने एबीसी योजना के लिए पंजीकरण कराया
  • एनईपी के कार्यान्वयन के लिए एक मील का पत्थर
  • पूर्ण राष्ट्रीय शैक्षणिक डिपॉजिटरी सेल के आदेश

नई दिल्ली:

जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) के छात्रों की डिग्रियां अब डिजिलॉकर पर उपलब्ध होगीं. जामिया विश्विद्यालय प्रशासन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा डिजिटल-इंडिया के स्पष्ट आह्वान के अनुपालन में यह निर्णय लिया है. इसके लिए जामिया सरकारी पोर्टल यानी छात्रों की डिग्री उपलब्ध करा कर डिजिटलाइजेशन की दिशा में कदम बढ़ा रहा है. जामिया की कुलपति प्रोफेसर नजमा अख्तर ने परीक्षा नियंत्रक (सीओई) के कार्यालय में एक पूर्ण राष्ट्रीय शैक्षणिक डिपॉजिटरी (एनएडी) सेल की स्थापना के आदेश दिए हैं. विश्वविद्यालय एनएडी सेल की पहल का उद्देश्य पारदर्शिता लाना और सत्यापन की प्रक्रिया में तेजी लाना है. उनका कहना है कि एनएडी सेल स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी पाठ्यक्रमों की डिग्री अपलोड करने के लिए पूरी तरह तैयार है.

कुलपति ने इस पर प्रसन्नता व्यक्त की है और परीक्षा नियंत्रक कार्यालय की सराहना की है. उन्होंने विश्वविद्यालय के शैक्षणिक संस्थानों में इस डिजिटल अभियान में अग्रणी भूमिका निभाने की कामना की. उन्होंने छात्रों को अपने क्रिडेन्शियल देखने के लिए डिजिलॉकर पोर्टल पर पंजीकरण करने की भी सलाह दी है. प्रोफेसर अख्तर ने बताया कि एनएडी सेल ने सत्र 2016-17 और सत्र 2017-18 के स्नातक, स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों की सभी डिग्रियां एनएडी पोर्टल पर प्रकाशित की हैं.

जामिया ने भारत सरकार की अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (एबीसी) योजना के लिए पंजीकरण कराया है, जो नई शिक्षा नीति (एनईपी) के कार्यान्वयन के लिए एक मील का पत्थर है. इस प्रकार जामिया का सर्वश्रेष्ठ केंद्रीय विश्वविद्यालयों में एक महत्वपूर्ण स्थान है, जिन्होंने अपना डेटा एनएडी पोर्टल पर समय पर प्रकाशित किया है. नोडल अधिकारी और उनकी टीम यह काम कर रही है और यह आश्वासन दिया गया है कि डिजिलॉकर पर छात्रों के अन्य क्रिडेन्शियल का प्रकाशन तेज गति से किया जाएगा.