आईआईएमसी के एलुमिनाई मीट में हरियाली को बढ़ावा देने की पहल
पीपल बाबा के नेतृत्व वाली गिव मी ट्रस्ट के प्रशिक्षित पर्यावरण कर्मियों ने पत्रकारों को किचन गार्डनिंग का पैकेट, कम्पोस्ट खाद, इंडोर प्लांटिंग से जुड़े पौधे और बड़े पौधे जूट के बैग में रखकर गिफ्ट दिया.
नई दिल्ली:
भारतीय जनसंचार संस्थान(आईआईएमसी) के एलुमिनाई एसोसिएशन (इम्का) के वार्षिक कार्यक्रम 'कनेक्शंस 2021' में इस बार हरियाली को बढ़ावा देने का संकल्प लिया गया. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधीन संचालित इस संस्थान से पढ़कर निकले छात्रों को हरियाली क्रांति कैंपेन के तहत पौधे बांटे गए. एलुमिनाई मीट को संबोधित करते हुए संस्थान के प्रधान महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि किसी भी शैक्षणिक संस्थान के दो ही आधार होते हैं, एक शिक्षक और दूसरे विद्यार्थी. कोई भी संस्थान बड़े भवनों से नहीं, बल्कि उसके विद्यार्थियों से बड़ा बनता है.
हर वर्ष जहां इम्का पुरस्कार विजेताओं का चयन ज्यूरी के माध्यम से किया जाता था, वहीं इस साल पुरस्कार विजेताओं का चयन चुनाव प्रणाली से किया गया. ज्यादा वोट पाने वाले पत्रकारों को पुरस्कार के लिए चुना गया. पीपल बाबा के नेतृत्व वाली गिव मी ट्रस्ट के प्रशिक्षित पर्यावरण कर्मियों ने पत्रकारों को किचन गार्डनिंग का पैकेट, कम्पोस्ट खाद, इंडोर प्लांटिंग से जुड़े पौधे और बड़े पौधे जूट के बैग में रखकर गिफ्ट दिया.
आईआईएमसी के एल्मुनाई एसोसिएशन का सालाना मीट कनेक्शंस नई दिल्ली स्थित भारतीय जनसंचार संस्थान के प्रांगण में आयोजित किया गया. इस बार का इम्का कनेक्शन हर साल से अलग रहा. इस आयोजन के संदर्भ में सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही कि जहां पहले सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रहा करती थी, वहीं इस बार हरियाली बढ़ाने की दिशा में एक नई पहल की गई. 'गिव मी ट्री ट्रस्ट' की तरफ से कनेक्शन में आए हुए सभी पत्रकारों को पौधे भेंट किए गए. इसके साथ ही पत्रकारिता जगत में उत्कृष्ट कार्य करने वाले पत्रकारों को पुरस्कृत भी किया गया.
नई प्रक्रिया के तहत हुआ विजेताओं का चयन
हर वर्ष जहां इम्का पुरस्कार विजेताओं का चयन ज्यूरी के माध्यम से किया जाता था, वहीं इस साल पुरस्कार विजेताओं का चयन चुनाव प्रणाली के द्वारा किया गया. पुरस्कारों के लिए एक निश्चित समय सीमा के अंदर आवेदन मंगाया गया, उसके बाद उनके कार्यों को सभी इम्का मेंबर के सामने चुनाव के लिए प्रस्तुत किया गया. अंततः ज्यादा वोट पाने वाले पत्रकारों को विजय घोषित किया गया.
हरियाली के लिए लोगों को प्रशिक्षित किया गया
पीपल बाबा के नेतृत्व वाली Give me trees trust के प्रशिक्षित पर्यावरण कर्मियों ने पत्रकारों को किचन गार्डनिंग का पैकेट, कम्पोस्ट खाद, इंडोर प्लांटिंग से जुड़े पौधे और बड़े पौधे जूट के बैग में रखकर गिफ्ट दिया. साथ ही साथ हरियाली बढ़ाने से जुड़े इन समानों को कैसे उपयोग में लाया जाय, इसके बारे में बाकायदा जानकारी भी दी. उनका कहना था कि दिल्ली जैसी जगह में हमारे पास जगह की कमी है, इस वजह से हम पेड़ न लगाने का बहाना बनाय, इसकी बजाय अपने फ्लैट की बालकनी और छत पर भी छोटे पौधे उगाकर ऑक्सीजन बढ़ाने का उपाय कर सकते हैं. घर के अंदर भी डेकोरेशन बढ़ाने वाले पौधे लगाए जाने की भी पहल की जानी चाहिए. इससे भी घर की सुंदरता के साथ घर के अंदर ऑक्सीजन का प्रवाह सुनिश्चित किया जा सकता है.
हरियाली क्रांति अभियान क्या है
श्वेत क्रांति, हरित क्रांति की तर्ज पर देश में पीपल बाबा के नेतृत्व में हरियाली क्रांति चलाया जा रहा है | हरियाली क्रांति में जनभागीदारी अभियान बनाने की कवायद चल रही है | Give me trees trust के इस अभियान के तहत यह संस्था लोगों क़ो जन्मदिवस, स्थापना दिवस या किसी भी शुभ दिवस क़ो हरियाली दिवस के रूप में मनाने की अपील करती है. जहाँ कहीं से भी जन्मदिवस क़ो हरियाली दिवस के रूप में मनाने के लिए सूचना आती है वहाँ पीपल बाबा की टीम जाकर पेड़ लगाती है. गौरतलब है कि केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख़्तार अब्बास नकवी के जन्मदिवस क़ो हरियाली दिवस के रूप में मनाया गया था और इनके 63 वें जन्मदिवस पर give me trees trust के साथ जुड़कर नकवी जी के समर्थकों नें दिल्ली के जौनापुर के हनुमान मंदिर में 63 नीम और 63 पीपल के पेड़ लगाए थे यहाँ पर आए सभी लोगों नें जन्मदिवस क़ो हरियाली दिवस के रूप में मनाने का संकल्प लिया था अब ढेर सारे लोग इस अभियान से जुड़ रहें है.
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