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ABCDEFGHI... आज से शुरू प्रोग्राम प्राइमरी से ग्रेजुएट युवाओं की करेगा मदद

इसके जरिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉकचैन, बिग डेटा, क्लाउड कंप्यूटिंग, इत्यादि तकनीकों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक भारत पिछले एक दशक में तकनीकी शिक्षा के लिए एक उभरता हुआ देश बन गया है.

Updated on: 06 Jun 2022, 09:49 AM

highlights

  • इंटर्नशिप के अवसरों के लिए कक्षा 7 से स्नातक स्तर तक के युवाओं की मदद
  • तकनीकी छात्रों के लिए अवसरों को उपयोगी बनाने के लिए एआईसीटीई का कदम

नई दिल्ली:

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) 'एबीसीडीईएफजीएचआई' नामक एक नया कार्यक्रम शुरू करने जा रहा है. यह कार्यक्रम एआईसीटीई के मंच पर इंटर्नशिप के अवसरों के लिए कक्षा 7 से स्नातक स्तर तक के युवाओं की मदद करेगा. इस कार्यक्रम की शुरुआत 6 जून से की जा रही है. इसके जरिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉकचैन, बिग डेटा, क्लाउड कंप्यूटिंग, इत्यादि तकनीकों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक भारत पिछले एक दशक में तकनीकी शिक्षा के लिए एक उभरता हुआ देश बन गया है. इसने विनिर्माण और व्यवसाय संचालन के मामले में अवसर दिखाए हैं. लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए तकनीकी कौशल को तैयार करना शुरू कर दिया गया है. इसमें अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) बड़ी भूमिका निभा रही है. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि 'एबीसीडीईएफजीएचआई' कार्यक्रम मुफ्त होने जा रहा है. 

केंद्रीय सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने डेटा प्रदान किया है कि विनिर्माण से सकल घरेलू उत्पाद 2021 की चौथी तिमाही में बढ़कर 5914.75 अरब रुपये हो गया है. 2021 की तीसरी तिमाही में यह 5867.75 अरब रुपये था. एआईसीटीई का मानना है कि इसलिए अब कुछ ऐसी नई पहल करना आवश्यक है जो युवा पीढ़ी को तकनीकी ज्ञान के बाजार में काम दिलाने में मददगार हो. इसी दिशा में तकनीकी छात्रों के लिए अवसरों को उपयोगी बनाने के लिए एआईसीटीई ने कदम उठाए हैं. एआईसीटीई के मुख्य समन्वय अधिकारी बुद्ध चंद्रशेखर ने कहा, 'भारत में उच्च आईक्यू और जनशक्ति प्रतिभा की प्रचुरता को देखते हुए शिक्षा क्षेत्र के लिए अगला कदम कौशल प्रशिक्षकों और उभरती प्रौद्योगिकियों पर विशेषज्ञता प्रदान करने वाले विभिन्न पाठ्यक्रमों को जोड़ना होगा, जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉकचैन, बिग डेटा, क्लाउड कंप्यूटिंग, इत्यादि.'

बुद्ध चंद्रशेखर ने कहा कि इस समय हर कोई जानता है कि भारत तकनीकी-दिमाग वाले लोगों के साथ-साथ बेंगलुरु और हैदराबाद में कंपनियों का केंद्र है, जिन्हें लोकप्रिय रूप से स्टार्ट-अप गंतव्यों के रूप में जाना जाता है. अब एआईसीटीई की नवीनतम पहल के माध्यम से हम देश के कोने-कोने में नौकरी देने वाले और कौशल प्रशिक्षकों को तैयार करने की उम्मीद कर रहे हैं, जिसमें हमारी सरकार भी बहुत सक्रिय रूप से भाग ले रही है. एआईसीटीई के अभी तक शुरू होने वाले कार्यक्रम के बारे में बोलते हुए कहा कि इसे 'एबीसीडीईएफजीएचआई' कहा जाता है. उन्होंने कहा, 'यह एआईसीटीई के मंच पर इंटर्नशिप के अवसरों के लिए कक्षा 7 से स्नातक स्तर के युवाओं की मदद करने वाला कार्यक्रम है. यह भविष्य के उद्यमियों के निर्माण के लिए आवश्यक कई अवसर प्रदान करेगा.'

'एबीसीडीईएफजीएचआई' के महत्व के बारे में बात करते हुए उन्होंने समझाया, 'भारत में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, लेकिन हमारे पास जागरूकता की कमी है. एक बच्चा जो आपसे और मुझसे एआई या ड्रोन तकनीक के बारे में अधिक जानता है, शायद वह यह नहीं जानता कि कैसे इसके लिए आवश्यक कौशल का उपयोग करें. यही कारण है कि हमने 'एबीसीडीईएफजीएचआई' की अवधारणा दी है. यह हमारे युवाओं को आगामी, भविष्य की प्रौद्योगिकियों के एबीसी को सिखाने के लिए है.' एआईसीटीई की अभी तक शुरू की गई पहल 'एबीसीडीईएफजीएचआई' न केवल संबंधित छात्रों को कौशल प्रशिक्षण और इंटर्नशिप के अवसरों से जोड़ती है, बल्कि भविष्य के लिए तैयार प्रतिभा पूल को नियुक्त करने के लिए हजारों स्थापित कंपनियों के साथ-साथ स्टार्ट-अप को भी जोड़ती है.