चाणक्य नीति: दूसरों में दोष ढूंढने वाले व्यक्ति को कभी नहीं मिलती सफलता

आचार्य चाणक्य ने कहा है कि मनुष्यों को दूसरों के दोष ढूंढने में समय व्यर्थ नहीं करना चाहिए. इससे खुद में सुधार की उम्मीदें खत्म हो जाती हैं.

आचार्य चाणक्य ने कहा है कि मनुष्यों को दूसरों के दोष ढूंढने में समय व्यर्थ नहीं करना चाहिए. इससे खुद में सुधार की उम्मीदें खत्म हो जाती हैं.

author-image
Sunil Chaurasia
New Update
चाणक्य नीति: दूसरों के दोष ढूंढने वाले व्यक्ति को कभी नहीं मिलती सफलता

चाणक्य नीति: दूसरों के दोष ढूंढने वाले व्यक्ति को कभी नहीं मिलती सफलता( Photo Credit : न्यूज नेशन)

 आचार्य चाणक्य के नीतिशास्त्र में मनुष्यों के सफल और सुखी जीवन के उपाय बताए गए हैं. इस बात में कोई दो राय नहीं है कि चाणक्य नीति का पालन करना बहुत मुश्किल है लेकिन ये असंभव नहीं है. दरअसल, चाणक्य नीति में जिन बातों को बताया गया है, उनका पालन करने के लिए मोह-माया का त्याग करना होता है और मनुष्यों के लिए मोह-माया को त्यागना ही सबसे मुश्किल है. जो लोग आचार्य चाणक्य की नीतियों का पालन करना शुरू कर दें, निश्चित रूप से उस व्यक्ति का जीवन पूरी तरह से बदल जाएगा. इसी सिलसिले में आज हम आपको आचार्य चाणक्य द्वारा बताई गईं कुछ ऐसी अहम बातों को बताने जा रहे हैं, जो हमारे सफल जीवन के लिए बहुत जरूरी है.

Advertisment

आचार्य चाणक्य ने कहा है कि मनुष्यों को दूसरों के दोष ढूंढने में समय व्यर्थ नहीं करना चाहिए. इससे खुद में सुधार की उम्मीदें खत्म हो जाती हैं. आचार्य चाणक्य एक महान विद्वान थे, जिनमें मनुष्यों के स्वभाव को पहचानने की जबरदस्त शक्ति थी. इसी सिलसिले में उन्होंने बताया कि मनुष्य अपने जीवन का ज्यादातर समय दूसरों की कमियां या दोष ढूंढने में खराब कर देते हैं. ऐसा करने की वजह से मनुष्य अपने अंदर कोई सुधार नहीं कर पाता है. चाणक्य नीति के अनुसार, जो लोग दूसरों के दोष ढूंढने का काम करते हैं, उन्हें अपने अंदर कोई कमी नहीं दिखाई देती है. यही वजह है कि उनके अंदर जो सुधार होने चाहिए, वह नहीं हो पाते हैं.

यदि असल जिंदगी की भी बात की जाए तो हम ऐसे कई लोगों के बारे में जानते होंगे जो अपनी कमियों में सुधार करने के बजाए दूसरों की कमियां निकालते रहते हैं. इस बात में भी कोई दो राय नहीं है हम में से कई लोग ऐसे होते हैं. लेकिन यहां सबसे बड़ी समस्या की बात यही है कि ऐसे लोगों को अपने अंदर किसी तरह की कोई कमी नजर ही नहीं आती है. आचार्य चाणक्य की मानें तो दूसरों में दोष ढूंढने वाले लोग खुद को सर्वश्रेष्ठ मानते हैं. आचार्य चाणक्य ने कहा है कि ऐसा करने वाले लोगों की प्रवृत्ति ऐसी ही बन जाती है कि वे सिर्फ दूसरों की कमियां निकालते हैं. एक समय के बाद ऐसे लोगों से सभी लोग दूरियां बनाने लगते हैं.

Source : News Nation Bureau

Chanakya Niti Hindi Chanakya Niti Complete Chanakya Niti chanakya neeti success chanakya neeti Chanakya Neeti Hindi आचार्य चाणक्य chanakya neeti quotes चाणक्य नीति Chanakya Niti Quotes
Advertisment