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चाणक्य नीति: जिसकी पत्नी आज्ञाकारी हो, उसके लिए स्वर्ग जैसी है ये दुनिया

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जिस व्यक्ति का बेटा उसके काबू में रहता है, जिसकी पत्नी उसकी आज्ञा का पालन करती है और जो व्यक्ति अपने द्वारा कमाए गए धन से पूरी तरह संतुष्ट रहता है, उस व्यक्ति के लिए यह संसार ही स्वर्ग के समान है.

Updated on: 28 Feb 2021, 09:50 AM

highlights

  • आचार्य चाणक्य ने बताए हैं मनुष्य के सुखमय जीवन के उपाय
  • बेटों पर नियंत्रण, आज्ञाकारी पत्नी और संतुष्टि मनुष्य का जीवन सुखमय बनाती है

नई दिल्ली:

आचार्य चाणक्य ने मनुष्य के सुखमय जीवन के लिए काफी महत्वपूर्ण उपाय और सुझाव दिए हैं, जिनका पालन करने से जीवन में आने वाली सभी परिस्थितियों का मुकाबला किया जा सकता है. आचार्य चाणक्य द्वारा दिए गए इन्हीं उपायों और सुझावों को चाणक्य नीति कहा गया है. साहित्य में चाणक्य नीति को खास स्थान दिया गया है क्योंकि चाणक्य की नीतियां मनुष्य के जीवन को केवल सुखमय ही नहीं बल्कि सफल बनाने में भी अहम किरदार निभाती है. चाणक्य नीति धरती पर मौजूद मनुष्य को व्यावहारिक और नैतिक शिक्षा देता है.

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आज हम आपको चाणक्य नीति के उस महत्वपूर्ण हिस्से के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसमें आचार्य चाणक्य ने मनुष्य को सुखमय जीवन के गुण बताए हैं. आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जिस व्यक्ति का बेटा उसके काबू में रहता है, जिसकी पत्नी उसकी आज्ञा का पालन करती है और जो व्यक्ति अपने द्वारा कमाए गए धन से पूरी तरह संतुष्ट रहता है, उस व्यक्ति के लिए यह संसार ही स्वर्ग के समान है. आचार्य चाणक्य द्वारा कही गई ये बातें बहुत हद तक सटीक लगती हैं. आज के इस समय में ये तीन चीजें ही काफी मुश्किल हैं.

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आज के इस मॉडर्न समय में आमतौर पर देखा जाता है कि बेटा-बेटी अपने माता-पिता के काबू में नहीं रहते हैं. वहीं दूसरी ओर पति-पत्नी के बीच आए दिन तरह-तरह के मतभेद और मनभेद की बातें सुनने को मिल जाती हैं. इसके अलावा हमारे जीवन की सबसे बड़ी समस्या हमारी संतुष्टि से जुड़ी हुई है. जी हां, आज के इस समय में इंसान अपने द्वारा कमाए गए धन से संतुष्ट ही नहीं होता है. हम सभी पैसा कमाने के मामले में एक-दूसरे से होड़ किए जा रहे हैं. यदि हम अपने द्वारा कमाए गए धन से संतुष्ट हो जाएं तो हमारा जीवन वाकई में सुखमय बन सकता है.