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चाणक्य नीति: ऐसे इंसानों को भूल जाना ही बेहतर, बातों पर निर्भर करता है रिश्ता

हम सभी के जीवन में व्यक्ति और उनकी बातों का अहम स्थान है. इस बात में कोई दो राय नहीं है कि इंसान का जीवन बनाने और बिगाड़ने के पीछे कई व्यक्ति और उनकी बातें ही होती हैं.

Updated on: 21 Mar 2021, 09:31 AM

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चाणक्यनीति में हैं मनुष्य के सफल और सुखी जीवन के उपाय

नई दिल्ली:

आम आदमी का जीवन बदलने के लिए आचार्य चाणक्य (Chanakya) की चाणक्य नीति (Chanakya Neeti) एक महत्वपूर्ण कड़ी है. चाणक्य नीति में ऐसी कई बातें बताई गई हैं, जिनका पालन करने से आप किसी भी समस्या से बाहर आ सकते हैं. चाणक्य नीति में जीवन को सफल बनाने के लिए कई बातों का जिक्र किया गया है. आचार्य चाणक्य का कहना था कि मनुष्य के जीवन में बहुत सी ऐसी चीजें होती हैं जो उसके पूरे जीवन काल में आखिरी समय तक उसका साथ नहीं छोड़ती हैं. आचार्य चाणक्य के मुताबिक जमीन और पैसा भौतिक वस्तुएं हैं और इंसान यही समझता रहता है कि ये चीजें उसके जीवन में आखिरी समय तक बनी रहेंगी.

हम सभी के जीवन में व्यक्ति और उनकी बातों का अहम स्थान है. इस बात में कोई दो राय नहीं है कि इंसान का जीवन बनाने और बिगाड़ने के पीछे कई व्यक्ति और उनकी बातें ही होती हैं. आज का ये विचार भी व्यक्ति और उनकी बातों पर ही आधारित है. चाणक्य नीति के अनुसार इंसान में ये समझ होनी चाहिए कि वह व्यक्ति और उसकी बात में अंतर समझ सके और फिर उसी अंतर के आधार पर फैसला कर सके. चाणक्य ने कहा है- किसी भी व्यक्ति की बात बुरी लगने पर विचार करें. यदि व्यक्ति महत्वपूर्ण है तो बात भूल जाओ और यदि बात महत्वपूर्ण है तो व्यक्ति को भूल जाओ.

आचार्य चाणक्य मनुष्यों को यही समझाना चाहते हैं कि हमें सभी बातों को दोनों तरह से सोचना और समझना चाहिए. चाणक्य का मानना था कि जब तक हम एक बात को दोनों पहलू से नहीं सोचेंगे तो हम कभी भी सही फैसला नहीं ले पाएंगे. आमतौर पर परिवार के करीबी लोग जैसे माता-पिता, भाई-बहन, पति-पत्नी की बातों को हम बर्दाश्त कर जाते हैं. लेकिन कई बार यदि हमें ऐसी ही कोई बात दोस्त या रिश्तेदार बोल देते हैं तो हम उन्हें बर्दाश्त नहीं कर पाते हैं. चाणक्य इन्हीं परिस्थितियों को लेकर समझाना चाहते हैं कि यदि इंसान महत्वपूर्ण है तो उसकी बातों को भूल जाना चाहिए और यदि बात महत्वपूर्ण है तो इंसान को भूल जाना चाहिए.