अब ये उम्मीदवार नहीं बन पाएंगे जूनियर इंजीनियर, तीन न्यायाधीशों की पीठ ने सुनाया ये फैसला

न्यायमूर्ति बी के नारायण, न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की तीन-न्यायाधीशों वाली पीठ का मानना ​​था कि राज्य सरकार के पास विज्ञापित पद के लिए आवश्यक अपेक्षित योग्यता (Eligibility) को संरक्षित करने की शक्ति है और यह न्यायिक समीक्षा के लिए बात नहीं हो सकती है.

न्यायमूर्ति बी के नारायण, न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की तीन-न्यायाधीशों वाली पीठ का मानना ​​था कि राज्य सरकार के पास विज्ञापित पद के लिए आवश्यक अपेक्षित योग्यता (Eligibility) को संरक्षित करने की शक्ति है और यह न्यायिक समीक्षा के लिए बात नहीं हो सकती है.

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Vikas Kumar
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अब ये उम्मीदवार नहीं बन पाएंगे जूनियर इंजीनियर, तीन न्यायाधीशों की पीठ ने सुनाया ये फैसला

प्रतीकात्मक तस्वीर

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इंजीनियरिंगमें डिग्री प्राप्त उम्मीदवारों द्वारा दायर कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए अदालत ने एक महत्वपूर्ण आदेश पारित किया है. इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) ने फैसला सुनाया है कि इंजीनियरिंग में डिग्री रखने वालों को जूनियर इंजीनियर (Junior Engineer) के रूप में नियुक्त नहीं किया जा सकता है. इसका साफ मतलब है कि अदालत के आदेशानुसार, निकाले गए भर्ती में भाग लेने के लिए इंजीनियरिंग डिग्री धारक अपात्र हैं.

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न्यायमूर्ति बी के नारायण, न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की तीन-न्यायाधीशों वाली पीठ का मानना ​​था कि राज्य सरकार के पास विज्ञापित पद के लिए आवश्यक अपेक्षित योग्यता (Eligibility) को संरक्षित करने की शक्ति है और यह न्यायिक समीक्षा के लिए बात नहीं हो सकती है.

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वर्तमान मामले में, राज्य सरकार ने कनिष्ठ अभियंता (junior engineer) के पद के लिए विज्ञापन जारी करते हुए केवल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा रखने वालों से आवेदन आमंत्रित किए थे. इस प्रकार, इंजीनियरिंग डिग्री वाले उम्मीदवार भर्ती प्रक्रिया में भाग लेने के लिए पात्र नहीं थे.
अदालत ने तर्क दिया कि इंजीनियरिंग डिग्री धारक विज्ञापन जारी होने के बाद जूनियर इंजीनियरों की चयन प्रक्रिया में भाग लेने के लिए अयोग्य हैं. उक्त निर्णय अदालत द्वारा इंजीनियरिंग में डिग्री रखने वाले उम्मीदवारों द्वारा दायर याचिकाओं के एक समूह की सुनवाई के दौरान पारित किया गया, जिन्हें चयन में भाग लेने की अनुमति नहीं थी.

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प्रमुख मामला दीपक सिंह और नौ अन्य लोगों का था, जिन्होंने यह कहते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था कि उनके पास इंजीनियरिंग की डिग्री है और वे डिप्लोमा वाले लोगों की तुलना में अधिक योग्य हैं.

HIGHLIGHTS

  • हाईकोर्ट ने इंजीनियरिंग डिग्री धारकों को जूनियर इंजीनियर पद के लिए बताया अयोग्य.
  • तीन जजों की बेंच में जस्टिस बी के नारायण, रमेश सिन्हा और पंकज भाटिया शामिल.
  • प्रमुख मामला दीपक सिंह और नौ अन्य लोगों का था जिन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.
Allahabad high court on junior engineer matter Justice Pankaj Bhatiya Justice Ramesh Sinha justice B K Narayan allahabad high court judgement on JE Eligibility
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