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12वीं के बाद सीधे पीजी कोर्सेज में दाखिला, NEP ने खोला रास्ता

सत्र 2021-22 से भौतिकी, रसायन विज्ञान व गणित में यह पाठ्यक्रम उपलब्ध होंगे.

Updated on: 29 Aug 2021, 02:58 PM

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केंद्रीय विश्वविद्यालयों, आईआईटी और निजी क्षेत्र के उच्च शिक्षण संस्थान, मौजूदा शैक्षणिक सत्र से ही नई शिक्षा नीति के अनुरूप पाठ्यक्रम तैयार करने जा रहे हैं. केंद्रीय विश्वविद्यालय गैर-तकनीकी शिक्षा के अन्तर्गत ऐसे नए पीजी पाठ्यक्रम भी तैयार कर रहे हैं, जहां छात्र 12वीं के बाद सीधे पीजी पाठ्यक्रमों में प्रवेश ले सकते हैं. यह नई पहल एनईपी में उल्लिखित मल्टीपल एंट्री एंड एक्जिस्ट सिस्टम पर आधारित है. आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर वी रामगोपाल राव के मुताबिक आईआईटी द्वारा की गई कुछ नवीनतम पहलों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्कूल की स्थापना शामिल है. इसके साथ ही आईआईटी दिल्ली ने परिवहन अनुसंधान और इंजरी रोकथाम के लिए एक केंद्र, ऊर्जा विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग की स्थापना की है. नई शिक्षा नीति को ध्यान में रखते हुए यहां इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और पब्लिक पॉलिसी में पीजी कार्यक्रम आरंभ किया गया है.

दिल्ली से सटे हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय में नई शिक्षा नीति के आधार पर तीन नए इंटीग्रेटेड पाठ्यक्रमों की शुरूआत होने जा रही है. सत्र 2021-22 से भौतिकी, रसायन विज्ञान व गणित में यह पाठ्यक्रम उपलब्ध होंगे. इन नए पाठ्यक्रमों में बी.एससी.-एम.एस.सी भौतिकी, बी.एससी.-एम.एससी. रसायन विज्ञान व बी.एससी.-एम.एससी. गणित शामिल हैं. बारहवीं पास करने के बाद विद्यार्थियों के लिए तीनों नए पाठ्यक्रमों में 30-30 सीटें पर दाखिले होंगे. इन पाठ्यक्रमों में सेंट्रल यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूसीईटी) के माध्यम से दाखिला मिलेगा.

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर टंकेश्वर कुमार ने बताया कि ये तीनों ही पाठ्यक्रम नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को केंद्र में रखते हुए शुरू किए जा रहे हैं. इनके माध्यम से विद्यार्थी बारहवीं के बाद सीधे पोस्ट ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई कर पाएंगे. कुलपति ने कहा कि इन पाठ्यक्रमों को विद्यार्थियों के लिए विशेष रूप से आधुनिक बदलावों के अनुरूप तैयार किया गया है. जिसमें अकादमिक विशिष्टता के साथ-साथ रोजगारउन्मुखता व आत्मनिर्भरता की दिशा में भी प्रयास किए गए हैं. विश्वविद्यालय की ओर से नियुक्त केंद्रीय विश्वविद्यालय संयुक्त प्रवेश परीक्षा (सीयूसीईटी)-2021 के नोडल ऑफिर डॉ. फूल सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय ये तीनों पाठ्यक्रम मौलिक विज्ञान पीठ के अंतर्गत शुरू होंगे. तीनों ही पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए आवेदन प्रक्रिया विश्वविद्यालय में उपलब्ध शेष स्नातक व स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के साथ शुरू होगी और केंद्रीय विश्वविद्यालय संयुक्त प्रवेश परीक्षा (सीयूसीईटी)-2021 के माध्यम से विद्यार्थियों के दाखिले लिए जाएंगे.

नए पाठ्यक्रमों के अंतर्गत राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को ध्यान में रखते हुए विद्यार्थियों को एक्जिट का विकल्प दिए जाने की भी योजना है. वहीं इस नई पहल में दिल्ली विश्वविद्यालय भी पीछे नहीं है. डीयू में नई शिक्षा नीति के तहत कॉलेजो में नए कोर्सेज खासतौर नए वोकेशनल कोर्स शुरू किए जाएंगे. वर्तमान में भी डीयू के कई कॉलेजों में वोकेशनल कोर्स नई शिक्षा नीति के अन्तर्गत दिल्ली के 30 से अधिक कॉलेज अपने यहां रोजगारपरक वोकेशनल कोर्सेज शुरू करेंगे. दिल्ली विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार विकास गुप्ता ने बताया कि नई शिक्षा नीति रोजगार परक शिक्षा प्रदान करने की दिशा में विशेष मददगार साबित होगी. दिल्ली विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेज जल्द ही अपने यहां नए वोकेशनल कोर्स के तहत डिप्लोमा, सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम शुरू करेंगे.

नई शिक्षा नीति के अंतर्गत विश्व रैंकिंग में बेहतर प्रदर्शन करने वाले विदेशी उच्च शिक्षण संस्थानों के साथ भारतीय शिक्षण संस्थानों के अलायंस को भी मंजूरी दी जा रही है. नई शिक्षा नीति के अंतर्गत स्विजरलैंड के प्रतिष्ठित उच्च शिक्षण संस्थान सोमट एजुकेशन ने भारत में इंडियन स्कूल आफ हॉस्पिटेलिटी (आईएसएच) के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता किया है. आईएसएच के संस्थापक दिलीप पुरी ने कहा कि हमारा दर्शन हमेशा एक अंतरराष्ट्रीय पाठ्यक्रम और शिक्षाशास्त्र, विश्व स्तरीय प्रौद्योगिकी और बुनियादी ढांचे के साथ-साथ प्रसिद्ध अकादमिक और अनुसंधान संकाय के माध्यम से छात्रों को असाधारण गुणवत्ता प्रदान करना रहा है. सोमेट एजुकेशन के साथ साझेदारी हमें अपनी पेशकशों को मजबूत करने, पूरे भारत और पड़ोसी देशों में अपनी उपस्थिति का विस्तार करने में मदद मिलेगी. स्विटरलैंड समेत दुनिया के 8 देशों में स्थित 18 परिसरों और 60,000 प्रभावशाली पूर्व छात्रों के सोमेट के प्रतिष्ठित नेटवर्क का हिस्सा बनने हमारी शिक्षा प्रणाली और अधिक सक्षम होगी. इससे छात्रों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण वह अनुभव प्रदान मिल सकेगा.