वैसे तो अपने देश में हिंदी दिवस 14 सितंबर को मनाया जाता है लेकिन 2006 में विश्व हिंदी दिवस को मनाने की औपचारिक घोषणा हुई. इसकी घोषणा करने वाले थे पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (Manmohan Singh). मनमोहन सिंह ने 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस (World Hindi Diwas)मनाने की बतौर PM घोषणा की थी. हालांकि सालों पहले 10 जनवरी, 1975 को नागपुर में पहला विश्व हिंदी सम्मेलन (World Hindi Sammelan) हुआ था, जिसमें 30 देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था.
2006 के बाद से अंतर्राष्ट्रीय हिंदी दिवस (International Hindi Day) को बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाने लगा है. इस दिन कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. विदेशों में मौजूद भारतीय दूतावासों में भी इस दिन को सेलिब्रेट किया जाता है. लेकिन इसके बावजूद आज हिंदी भारत में ही नकारी जा रही है.
भारत में 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाने के पीछे भी एक कारण है. साल 1949 में 14 सितंबर को ही हिंदी को देश की राजभाषा बनाया गया था. उस वक्त भारत के पहले प्रधानमंत्री थे पं. जवाहर लाल नेहरू. इन्होने ही हिंदी के महत्व को देखते हुए 14 सितंबर को ही हिंदी दिवस मनाने की घोषणा की थी.
ये है हिंदी से जुड़ी खास बातें
- पहला विश्व हिंदी सम्मेलन 10 जनवरी 1975 को नागपुर में हुआ था. जिसमें 30 देशों के 122 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था.
- 2006 में ही 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाने का औपचारिक ऐलान किया गया था.
- विदेशों में मौजूद भारतीय दूतावासों में विश्व हिंदी दिवस (World Hindi Day) पर खास कार्यक्रमों का आयोजन होता है.
- विदेशों सैंकड़ों विश्वविद्यालयों में आज हिंदी पढ़ाई जाती है और लोगों ने इस भाषा का लोहा माना है. अब विदेशों में भी हिंदी पढ़ाई और बोली जाती है.
- हिंदी विश्व की सबसे ज्यादा तादाद में बोली जाने वाली 5 भाषाओं में शामिल है.
- फिजी में हिंदी भाषा को अधिकारिक भाषा का दर्जा प्राप्त है. जिसे फिजियन हिंदी या फिजियन हिन्दुस्तानी भी कहा जाता है.
- 2017 में पहली बार ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में 'अच्छा', 'बड़ा दिन', 'बच्चा' और 'सूर्य नमस्कार' जैसे हिंदी शब्दों को भी शामिल किया जा चुका है.