तमिलनाडु ने आयुष के लिए केंद्र के 'एनईईटी आधारित प्रवेश' को किया अस्वीकार
तमिलनाडु सरकार ने कहा कि वह भारतीय चिकित्सा प्रणाली और होम्योपैथी पढ़ाने वाले कॉलेजों में एनईईटी के आधार पर दाखिला नहीं करेगी
चेन्नई:
तमिलनाडु सरकार ने शिक्षा सुधारों में केंद्र सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। तमिलनाडु सरकार ने कहा कि वह भारतीय चिकित्सा प्रणाली और होम्योपैथी पढ़ाने वाले कॉलेजों में एनईईटी के आधार पर दाखिला नहीं करेगी। यह पिछले एक हफ्ते में दूसरी बार है कि राज्य सरकार ने केंद्र के प्रस्ताव को खारिज किया है।
पिछले हफ्ते, तमिलनाडु ने उच्च शिक्षा आयोग (एचईसीआई) की स्थापना पर केंद्र के मसौदे विधेयक का विरोध किया और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के साथ मौजूदा व्यवस्था को जारी रखने की मांग की। केंद्र के प्रस्ताव को खारिज करने के बाद, तमिलनाडु सरकार ने कहा कि कक्षा 12वीं के अंकों के आधार पर ही भारतीय चिकित्सा प्रणाली और होम्योपैथी में दाखिले किया जाएंगे।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एडप्पाडी के पालानीसामी ने प्रेस विज्ञप्ति को ट्विट किया, जिसमें कहा गया है कि राज्य में मौजूदा व्यवस्था ही जारी रहेगी। उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री एडप्पी कर रहे थे, जिसमें उपमुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम, वरिष्ठ मंत्री और शीर्ष सरकारी अधिकारियों ने भाग लिया था।
प्रेस रिलीज में कहा गया है कि सरकार ने इस पर विचार किया कि केंद्र सरकार ने भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद अधिनियम में दाखिले के संबंध में कोई संशोधन नहीं किए हैं।
सचिवालय की बैठक ने केंद्र की तरफ से जारी एडवाजरी के संबंध में यह फैसला लिया है। जिसमें यह कहा गया था कि भारतीय चिकित्सा प्रणाली - आयुर्वेद, सिद्ध यूनानी और होम्योपैथी के कॉलेजों में दाखिले के लिए एनईईटी के अंकों को आधार बनाया जाए।
और पढ़ें- धारा-377 की संवैधानिकता वैधता पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज दोबारा शुरू होगी
वर्तमान में, भारतीय चिकित्सा परिषद / दंत चिकित्सा परिषद (भारत सरकार के स्वास्थय और परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीन) की मंजूरी के साथ चलने वाले मेडिकल / डेंटल कॉलेजों में एमबीबीएस / बीडीएस पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा एनईईटी या राष्ट्रीय योग्यता प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) आयोजित की जा रही है।
हालांकि केंद्र पिछले दो अकादमिक वर्षों से यह सलाह दे रहा है, लेकिन तमिलनाडु लगातार इस मुद्दे पर अपना 'मजबूत विरोध' व्यक्त कर रहा है। साथ ही विज्ञप्ति में कहा गया है कि 'केंद्र को पहले ही बताया जा चुका है कि भारतीय चिकित्सा प्रणाली में प्रवेश के लिए एनईईटी का पालन नहीं किया जा सकता है।'
आयुष का अर्थ आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी होता है। भारतीय चिकित्सा परिषद संबंधित क्षेत्र में शिक्षा व्यवस्था को देखती है।
और पढ़ें- मॉनसून सत्र पर केंद्र ने बुलाई सर्वदलीय बैठक, सरकार को घेरने की तैयारी में जुटा विपक्ष
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Pramanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज के इन विचारों से जीवन में आएगा बदलाव, मिलेगी कामयाबी
-
Shri Premanand ji Maharaj: मृत्यु से ठीक पहले इंसान के साथ क्या होता है? जानें प्रेमानंद जी महाराज से
-
Maa Laxmi Shubh Sanket: अगर आपको मिलते हैं ये 6 संकेत तो समझें मां लक्ष्मी का होने वाला है आगमन
-
May 2024 Vrat Tyohar List: मई में कब है अक्षय तृतीया और एकादशी? यहां देखें सभी व्रत-त्योहारों की पूरी लिस्ट