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Covid की वजह से सीए परीक्षा में नहीं होगा कोई नुकसान

इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि जिन उम्मीदवारों ने मौजूदा कोविड महामारी के संबंध में मुद्दों के कारण जुलाई सीए परीक्षा से बाहर होने का विकल्प चुना है, वे कोई मौका नहीं गंवाएंगे.

Updated on: 10 Sep 2021, 07:09 AM

highlights

  • प्रशांत भूषण ने बैकअप परीक्षा पर 30 जून के आदेश का हवाला दिया
  • आईसीएआई को ऑप्ट-आउट उम्मीदवारों के लिए एक बैकअप परीक्षा
  • आईसीएआई ने SC को बताया कोई उम्मीदवार मौका नहीं गंवाएगा 

नई दिल्ली:

इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि जिन उम्मीदवारों ने मौजूदा कोविड महामारी के संबंध में मुद्दों के कारण जुलाई सीए परीक्षा से बाहर होने का विकल्प चुना है, वे कोई मौका नहीं गंवाएंगे. शीर्ष अदालत ने तब आवेदकों से इस मुद्दे पर संस्थान को एक प्रतिनिधित्व करने के लिए कहा. न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और जस्टिस हृषिकेश रॉय और सीटी रविकुमार एक आवेदन पर सुनवाई कर रहे थे, जिसमें आईसीएआई को ऑप्ट-आउट उम्मीदवारों के लिए एक बैकअप परीक्षा आयोजित करने का निर्देश देने की मांग की गई थी. आईसीएआई के वकील ने पीठ को बताया कि दो सप्ताह के भीतर अभ्यावेदन पर उचित निर्णय लिया जाएगा और कहा कि जिन उम्मीदवारों ने विकल्प चुना था, उनके लिए अवसर का कोई नुकसान नहीं होगा. वकील ने यह भी कहा कि उम्मीदवारों को उसी पुराने पाठ्यक्रम का लाभ मिलेगा.

आवेदकों का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने बैकअप परीक्षा के बारे में 30 जून के आदेश का हवाला दिया और कहा कि जिन लोगों ने ऑप्ट-आउट किया था, वे एक प्रयास खो देंगे. उन्होंने तर्क दिया कि आईसीएआई को उम्मीदवारों को यह बताने के बजाय एक बैकअप परीक्षा आयोजित करने का निर्देश दिया जाना चाहिए कि उन्हें नियमित परीक्षा चक्र में उपस्थित होना चाहिए. इस पर आईसीएआई के वकील ने जवाब दिया कि जिन लोगों ने ऑप्ट आउट किया था, उनके लिए अवसर का कोई नुकसान नहीं होगा. शीर्ष अदालत ने अपने 30 जून के आदेश में कहा था कि एक उम्मीदवार परीक्षा से बाहर निकलने के विकल्प का उपयोग करने का हकदार होगा यदि उसे या उसके परिवार के किसी सदस्य को हाल के दिनों में कोविड-19 का सामना करना पड़ा है और यह तथ्य किसी पंजीकृत चिकित्सक से प्रमाणित हो.

उन्होंने कहा कि इसे परीक्षा में एक प्रयास के रूप में नहीं माना जाएगा और उम्मीदवार को पुराने और साथ ही नए पाठ्यक्रम के लिए आयोजित की जाने वाली बैकअप परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाएगी. गुरुवार को सुनवाई के दौरान पीठ ने आईसीएआई के वकील से पूछा कि क्या ये उम्मीदवार नवंबर की परीक्षा में शामिल हो सकते हैं और क्या पुराने पाठ्यक्रम के तहत एक और परीक्षा आयोजित करना संभव है. आईसीएआई के वकील ने दोहराया कि कोई भी उम्मीदवार अपना मौका नहीं गंवाएगा.