दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) से कानून की पढ़ाई की चाह रखने वाले छात्रों को राहत देते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को कहा कि वह 2310 छात्रों का एलएलबी कोर्स में दाखिला जारी रखे। जस्टिस मनमोहन व जस्टिस विनोद गोयल की बेंच ने अपने आदेश में विश्वविद्यालय को ऐकडेमिक सेशन 2017-18 में बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) द्वारा तय 1,440 की जगह 2,310 छात्रों को प्रवेश लेने की मंजूरी दी है।
अदालत का यह आदेश वकील जोगिंदर कुमार सुखीजा के बीसीआई के सीटें कम करने के फैसले के खिलाफ दी गई जनहित याचिका पर आया है।बेंच ने कहा, 'सीटों की संख्या कम मत कीजिये। छात्र पढ़ना चाहते हैं, उन्हें पढ़ने दीजिए। डीयू अभी तक 2310 छात्रों को पढ़ा रहा है। आप (बीसीआई) ने सीटों को कम करके आधा करने का फैसला किया है। हमें मामले पर फैसले के लिए समय की जरूरत है। तब तक 2,310 को पढ़ने दीजिए।'
अदालत ने बीसीआई से कहा, 'उनकी (डीयू) फैकल्टी लॉ की बेहतरीन शिक्षा देने वालों में से एक है। वह बेहतरीन सुविधाएं प्रदान करते हैं| उन्हें एक अवसर दीजिए।" अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 21 अगस्त तय की है।
डीयू ने कानून स्नातक कोर्स में सीटों की कमी का विरोध किया था। डीयू ने कहा था कि उसने अपनी बुनियादी सुविधाएं और फैकल्टी की संख्या में सुधार किया है।
इससे पहले उच्च न्यायालय ने बार काउंसिल से डीयू के एलएलबी कोर्स में सीटों के बढ़ाने के ड्राफ्ट पर विचार करने को कहा था।पीआईएल में दावा किया गया है कि यदि सीटों में कमी की जाती है तो बड़ी संख्या में छात्र प्रभावित होंगे।
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Source : IANS