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DU 'पिंजरा तोड़' : हॉस्टल स्टूडेंट्स का प्रदर्शन जारी, कॉलेज नहीं मान रहे मांगे

स्टूडेंट्स ने प्रशासन को यह मांगे पूरा करने के लिए 30 अक्टूबर का समय दिया था. मंगलवार तक जब स्टूडेंट्स की मांगे नहीं मानी गई तो वह एक बार फिर सड़कों पर उतर आए. पिंजरा तोड़ ग्रुप की आगुवाई में यह प्रदर्शन किये जा रहे हैं.

Updated on: 31 Oct 2018, 04:52 PM

नई दिल्ली:

दिल्ली यूनिवर्सिटी में लड़कियां कॉलेज प्रशासन द्वारा तय समय में उनकी मांगे ने मानी जाने के कारण वह एक बार फिर सड़कों पर हैं. डीयू में स्टूडेंट ने इससे पहले प्रदर्शन करते हुए कॉलेज प्रशासन के सामने मांगे रखी थी कि उन्हें 24*7 कॉलेज हॉस्टल में प्रवेश की अनुमित मिले. स्टूडेंट्स ने प्रशासन को यह मांगे पूरा करने के लिए 30 अक्टूबर का समय दिया था. मंगलवार तक जब स्टूडेंट्स की मांगे नहीं मानी गई तो वह एक बार फिर सड़कों पर उतर आए. 'पिंजरा तोड़' ग्रुप की आगुवाई में यह प्रदर्शन किये जा रहे हैं.

प्रदर्शन में शामिल मिरांडा हाउस की लड़कियों का कहना है कि हॉस्टल टाइमिंग में सिर्फ इमेंर्जेंसी की स्थिति में छूट दी गई है और वीकेंड पर नाइटआउट का ऑप्शन दिया गया है. इस दोनों ही परिस्थिति में लड़कियों को हॉस्टल वॉर्डन से मिलकर अनुमति लेनी होगी और साथ ही एक इमर्जेंसी परफॉर्मा भी भरना पड़ेगा. वहीं प्रदर्शन कर रही लड़कियों की मांग है कि केवल इमेंर्जेंसी में ही नहीं, बल्कि पूरी तरह से गर्ल्स को छूट दी जाए. इसके लिए स्टूडेंट्स ने शाम से रात तक कॉलेज और हॉस्टल के सामने प्रोटेस्ट भी किया. इस दौरान कॉलेज प्रशासन ने स्टूडेंट्स को मनाने की कोशिश की मगर वे नहीं मानीं.

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प्रदर्शन कर रही एक लड़की ने कॉलेज प्रशासन के खिलाफा अपना विरोध दर्ज करवाते हुए कहा कि, 'हम यहां भाव-तोल नहीं कर रहे हैं, कि कॉलेज कुछ मानेगा और कुछ नहीं. हम चुप होने वाले नहीं है. हमने सोच समझ कर यह मांगे की हैं और इसमें कोई बुराई नहीं है. हम व्यस्क स्टूडेंट्स हैं और अपनी जिम्मेदारी समझते हैं.'

मिरांडा हाउस की प्रमुख प्रिंसिपल जौली ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए कहा था कि 1 नवंबर से छात्राएं हॉस्टल से नाइट आउट कर सकती हैं. वह महिने में कुल 6 नाइट आउट के अलावा शनिवार- रविवार, गजेडेड छुट्टियों पर भी नाइट कर पाएंगी. हालांकि यह केवल इमर्जेंसी परिस्थितियों में ही होगा. इसका रिकॉर्ज रजिस्टर में रखा जाएगा.

नोटिफिकेशन में आगे कहा गया है कि बाकी के दिनों में एंट्री-एग्जिट के नियम पहले की तरह समान्य रहेंगे. डिनर 7.30 से 8.30 के बीच ही दिया जाएगा.

वहीं इस पर छात्राओं का कहना है कि हम इस कर्फ्यू को पूरी तरह खत्म करके ही मानेंगे. जानकारी मिल रही है कि छात्र जल्द ही अपनी मांगों को लेकर कॉलेजों में भी प्रदर्शन करेंने.

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पिंजरा तोड़ अपनी मांगों पर अडिग और उनका कहना है कि हॉस्टल के यह सख्त कानून खत्म होने ही चाहिए. 'सबसे पहले हमारी मांग है कि स्टूडेंट्स को 24 घंटे हॉस्टल में प्रवेश की अनुमित दी जाए. लोकल गार्डियन की जगह इमर्जेंसी कॉन्टैक्ट नंबर रखा जाए. साथ ही अटेंडेंस हटा कर रजिस्टर में एंट्री करने की व्यवस्था की जाए. दिव्यांगों के लिए स्पेशल हॉस्टल बने और हॉस्टल फीस में कटौती की जाए.'